शिवरात्रि के दिन ही है शनि प्रदोष व्रत, 19 सालों के बाद बन रहा ऐसा अद्भुत संयोग

ज्योतिष | भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए सावन का महीना किसी भी पर्व से कम नहीं होता. सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु कावड़ लाने के लिए हरिद्वार भी गए हुए हैं. अबकी बार सावन के महीने में शनि प्रदोष व्रत 15 जुलाई को पड़ रहा है. इसी दिन शिवरात्रि भी है जिस वजह से इसका महत्व और कई गुना बढ़ जाता है. यदि आप भी प्रदोष व्रत को लेकर कन्फ्यूजन में है कि यह शुक्रवार को है या शनिवार को. तो चलिए आज हम आपका सारा कंफ्यूजन दूर कर देंगे.

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कब है शनि प्रदोष व्रत

शनि प्रदोष व्रत शनिवार को रखा जाएगा. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ और शनि देव की आराधना कीजिए. संतान प्राप्ति के लिए इस दिन अभिषेक व शिवपूजन करवाने से विशेष लाभ मिलता है. पुत्र की उन्नति के लिए प्रदोष व्रत शुरू करने के लिए यह दिन काफी अच्छा है. इस व्रत में माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का विशेष महत्व है.

शनि प्रदोष व्रत पर शनिदेव की पूजा अर्चना भी की जाती है. करीब 19 सालों के बाद अधिकमास में यह संयोग बन रहा है. सावन अधिकमास में एकादशी व्रत पड़ रहा है. इसीलिए इस दिन सभी लोग भगवान भोलेनाथ के साथ- साथ शनिदेव का भी आशीर्वाद ले पाएंगे.

तमाम तरह की परेशानियों से मिल जाएगा छुटकारा

  • इस दिन भगवान शिव का रूद्र अभिषेक करवाएं.
  • सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवा रहे हैं तो इसमें चांदी के नाग- नागिन का जोड़ा भी रख दें.
  • अभिषेक के बाद इसे नदी में बहा दें.
  • ऐसा करने से आपके ऊपर यदि कालसर्प दोष मौजूद है, तो उसे भी आपको छुटकारा मिल जाएगा.
  • सावन में रुद्रा अभिषेक करने से पितृदोष से भी मुक्ति मिल जाती है.
  • वहीं, शनिदेव को तेल से अभिषेक करें, ऐसा करने से आपके जीवन की तमाम तरह की परेशानियां समाप्त हो जाएंगे.

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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