महिला ससुराल के गेट पर इंसाफ के लिए 72 घंटे से बैठी, ठंड से 3 साल के बच्चे की बिगड़ी तबीयत

करनाल | हरियाणा के करनाल जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है. जिसमें ठिठुरती सर्दी में 72 घंटे से अपने ही ससुराल के गेट पर 3 साल के मासूम के साथ धरने पर बैठी महिला को न्याय नहीं मिल पाया. दरअसल इस बीच महिला के बच्चे की तबीयत खराब हो गई जिसके चलते उसे अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया. बता दें कि इस मामले को लेकर पूरे दिन पंचायतों का दौर चलता रहा. ऐसी सूचना भी है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने भी विवाहिता को समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. विवाहित महिला अपने ससुराल में रहना चाहती हैं, किंतु ससुराल वाले विवाहिता पर गंभीर आरोप लगाकर उसे रखना नहीं चाहते है.

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जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना के आरोप लगा रही गन्नौर निवासी सुरभि गोयल 12 जनवरी की सुबह से ही नई अनाज मंडी में अपने ससुराल के घर के गेट पर बैठी है. उसके साथ 3 साल का बच्चा भी है, कड़ाके की सर्दी में घर के बाहर बैठने से शुक्रवार सुबह बच्चे की तबीयत अचानक खराब हो गई. इसके बाद महिला ने पुलिस को संपर्क किया पुलिस ने बच्चे का घरौंडा के सरकारी अस्पताल में उपचार करवाया. इसके बाद महिला फिर से धरने पर पहुंच गई.

ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि महिला सुरक्षा सेल के इंचार्ज रजनी गुप्ता व डीएसपी जय सिंह सहित थाना प्रभारी दीपक कुमार तथा अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए. प्रोटेक्शन सेल इंचार्ज ने पीड़िता को समझाने का प्रयास किया किंतु वह अपनी बात पर अडिग रही कि वह अपने ससुराल ही रहेगी और ऐसा कोई कानून नहीं है तो उसे घर में रहने से रोक सके.

आढ़तियों ने भी विवाहिता को समझाया

बता दें कि विवाहिता को समझाने के लिए दूसरी तमाम प्रयास कर चुकी थी लेकिन वह नहीं मान रही थी. इसके बाद मंडी के कुछ आढ़ती पिता को समझाने के लिए पहुंचे. लेकिन पीड़िता नहीं मानी तो मंडी के आढ़ती गन्नौर पहुंचे और मायके वालों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन बात नहीं बनी. जिसके बाद आढ़ती वापस लौट गए.

बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ा

पुलिस द्वारा बताई गई सूचना के अनुसार शुक्रवार देर शाम तकरीबन 7:00 बजे सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उमेश चानना भी अपनी टीम के साथ घरौंडा पहुंचे. उन्होंने भी महिला को समझाने के तमाम प्रयास किए. लेकिन महिला नहीं मानी तो उन्होंने बच्चे के स्वास्थ्य को देखते हुए अपनी कस्टडी में लेने का प्रस्ताव महिलाओं के सामने रखा. इस पर महिला सहमत हो गई. महिला ने जानकारी दी कि बच्चे की तबीयत खराब है और इन हालात में वह बच्चे की देखभाल नहीं कर सकती. इसलिए उसने सीडब्ल्यूसी को अपनी इच्छा से बचा सौंप दिया. चेयरमैन उमेश ने जानकारी दी कि बच्चे की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए उसे इलाज के लिए सेंटर ले जा रहे हैं करनाल अस्पताल में बच्चे का चेकअप करवाया जाएगा महिला सुरक्षा की गारंटी देकर जब चाहे बच्चा ले जा सकती है.

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