अलर्ट: किसान समय पर नहीं चेते तो 2040 तक देश की 30 फीसदी आबादी कैंसर व बीपी से होगी पीड़ित

करनाल | हरियाणा के करनाल स्थित एनएबीजीआर (NAGR) के सभागार में किसान कल्याण विभाग के सहयोग से कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में हरियाणा के किसान एवं कल्याण विभाग के महानिदेशक अजित बालाजी जोशी ने कहा कि किसानों की मेहनत से हमने अन्न का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, जिससे देश के लाखों भूखे पेटों की रोटी की जरूरत पूरी हुई है.

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उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम गुणवत्ता संपन्न अन्न का उत्पादन करें, ताकि तेजी से पनप रही कैंसर, बीपी और डायबटीज जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके. इसका एकमात्र उपाय ऑर्गेनिक खेती को अपनाना है. उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि हमारे देश के किसान समय पर नहीं चेते तो साल 2040 तक 30% आबादी इन बीमारियों की शिकार हो जाएगी.

अजित बालाजी जोशी ने कहा कि हालांकि हरियाणा में कुछ प्रगतिशील किसानों ने सामुहिक प्रयास से ऑर्गेनिक खेती का प्रयोग शुरू किया है, जो पूरे भारत के लिए एक उदाहरण है. फिर भी जलवायु परिवर्तन के दौर में हमारे खाने और पीने की वस्तुओं की वजह से कई जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में हमें प्रकृति मित्र खेती व्यवहार को प्रमाण देना होगा.

सीएसएसआरआई के निदेशक डॉ. पीसी शर्मा ने कहा कि आज जल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है. भूजल प्रदूषित हो रहा है, कीटनाशक का इस्तेमाल हमारे उत्पादन को प्रभावित कर रहा है. उपनिदेशक किसान एवं कल्याण विभाग डॉ. आदित्य डबास ने कहा कि आज का यह संवाद किसानों की चिंताओं को वैज्ञानिकों द्वारा सांझा करने का अभिनव प्रयोग है.

पशुओं में देशी नस्ल को दिया जाएगा बढ़ावा

संस्थान के निदेशक आरके विज ने कहा कि हमने देश के दुधारू देसी नस्लों का पंजीकरण किया है. जिसकी वजह से हमने भारत के उन क्षेत्रों की पहचान की है, जहां देसी नस्ल के दुधारू पशुओं को फिर से पशुपालन व्यवसाय का आधार बनाने के साथ- साथ देसी पशु संपदा को बढ़ावा दिया जा सके.

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