PM Modi की पहल, कुत्तों की तीन प्रकार की देसी नस्लों को मिली जेनेटिक पहचान

हिसार | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अगस्त महीने में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान भारतीय नस्ल के कुत्तों को पालने और अपनाने के लिए सभी को प्रेरित किया था. जिसके बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की पशु विज्ञान डिवीजन ने देश के कुत्तों की तीन देसी नस्लों का ICAR के करनाल स्थित राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो में जेनेटिक (अनुवांशिक) नाम दर्ज़ कराया है. इनमें तमिलनाडु की कुत्तों की चिप्पीपराई, राजापलायम और हिमालयन भूटिया नस्लें शामिल हैं.

Dog Photo

चिप्पीपराई

तमिलनाडु के मदुरै में चिप्पीपराई टाउन के स्थान के कारण नस्ल का नाम रखा गया है. यह कुत्ते के शरीर का आकार पतला और थोडे ऊंचे भी होते हैं. इनका उपयोग शिकार के लिए बहुत पहले से किया जाता हैं. इनकी आखों की विजन 270 डिग्री तक है, जो आम दृष्टि से कही ज्यादा अधिक है.

राजापलायम

राजपालयम को पोलगर हाउंड या इंडियन घोस्ट हाउंड के नाम से भी प्रसिद्ध है. यह दक्षिणी भारतीय कुत्तों की नस्ल है. पूर्व में दक्षिण भारत में इनका उपयोग शिकार और रक्षा के क्षेत्र में किया जाता रहा है. इस कुत्ते की उम्र 12 साल तक ही होती है. इसकी लंबाई 65 सेंटी मीटर और वजन लगभग 30 किलो ग्राम तक होता है.

भूटिया

इस नस्ल का वजन 23 से 41 किलोग्राम और इनकी लंबाई 76 सेंटीमीटर तक हो सकती है. इस नस्ल की अहम बात है कि यह अधिक बर्फीले मौसम को भी सहन करने की क्षमता रखते हैं. इनका प्रयोग शिकार के लिए हिमालय की पहाड़ियों में अकसर होता रहता है.

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