हरियाणा सरकार एक्शन मूड में, सुस्त कर्मचारियों को करेगी रिटायर

चंडीगढ । 50 से 55 साल तक की उम्र या फिर 25 साल की नौकरी पूरी कर चुके ढीले-ढाले और दागी अफसर व कर्मचारियों को प्री-मेच्योर रिटायरमेंट देने में हीला-हवाली पर हरियाणा सरकार सख्त हो गई है। सुस्त कर्मचारियों की ‘कुंडली’ तैयार कर उन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने के आदेशों को अधिकतर प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष गंभीरता से नहीं ले रहे हैं इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव ने तुरंत रिटारयमेंट के मामलों को प्राथमिकता से निपटाने की हिदायत देते हुए लापरवाह अफसरों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराकर चार्जशीट करने की चेतावनी दी है.

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दफ्तरों में कामकाज में तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने करीब दो साल पहले पांच फरवरी 2019 को सुस्त अफसर और कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत करने की व्यवस्था बनाई थी. इसके लिए पालिसी भी बनाई गई जिसके तहत दस साल के सेवाकाल में एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में न्यूनतम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही कार्य को संतोषजनक माना जाएगा। इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट दी जाएगी.

ग्रुप ए और बी कैटेगरी के so साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम-काज की निश्चितं अंतराल में समीक्षा कर रिपोर्ट भेजने का जिम्मा विभागाध्यक्षों को सौंपा गया था साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को इन कर्मचारियों का रजिस्टर तैयार करने की ड्यूटी लगाई गई. पालिसी लागू होने के बावजूद शीर्ष अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे जिससे ढीले-ढाले और भ्रष्टाचार के आरोपित कर्मचारी अब भी सरकारी सेवा में बने हुए हैं. सचिव विजय वर्धन मुख्य ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्त और उपायुक्तों को लिखित आदेश जारी करते हुए दागी अफसरों कर्मचारियों को प्री-रिटायरमेंट देने को कहा है. जिन कर्मचारियों की कार्य निष्ठा संदेह के दायरे में है, उनकी पूरी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में मंगाई गई है.

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