चेकबुक से लेकर डेबिट-क्रेडिट कॉर्ड तक, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये 5 नियम

नई दिल्ली। नए महीने यानि अक्टूबर की शुरुआत होने में मात्र दो दिन ही शेष बचे हैं. नए महीने यानि अक्टूबर से आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा. यें नियम पेंशन, बैंक चेक बुक, ऑटो डेबिट सुविधा और म्यूचुअल फंड निवेश से संबंधित है। आईए इन नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जाएं.

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चेकबुक

तीन बैंकों के पुराने चेक बुक और एमआईसीआर कोड 1 अक्टूबर से अमान्य हों जाएंगे. इन बैंकों के नाम इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स है. बता दें कि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हो चुका है जबकि ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय हुआ है.

ऑटो डेबिट सुविधा में बदलाव

एक अक्टूबर से आरबीआई के निर्देशों के बाद बैंक क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर ऑटो डेबिट सुविधा में बदलाव करेंगे. अब ग्राहकों की मंजूरी के बिना खाते से राशि नहीं कटेगी. बैंक ग्राहक को राशि काटने से 24 घंटे पहले एक सूचना भेजेंगे और ग्राहक की मंजूरी के बाद ही भुगतना होगा.

पेंशन के मोर्चे पर यें बदलाव

1 अक्टूबर से 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के पेंशन भोगी नजदीकी डाकघर में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करा सकेंगे. इसे जमा करवाने की आखिरी मियाद 30 नवम्बर तक दी गई है.

ट्रेडिंग पर होगा संकट

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने डीमैट, ट्रेडिंग खाता धारकों को KYC डिटेल अपडेट करने के लिए 30 सितंबर 2021 तक का समय दिया था . यूं कहां जाएं कि यह डेडलाइन भी खत्म हो रही है. अगर इस तारीख तक KYC डिटेल्स को अपडेट नहीं किया जाता है तो अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाएगा. इसका असर ये होगा कि खाताधारक शेयर मार्केट में बिजनेस नहीं कर पाएंगे.

सैलरी को लेकर नियम

परिसंपति प्रबंधन कंपनियों के साथ काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों को अपने ग्रॉस सैलरी का 10 फीसदी उस फंड में निवेश करना होगा जिसे वें प्रबंधित कर रहे हैं. सेबी के नियमों के मुताबिक यह व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू होगी.

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