6G नेटवर्क पेटेंट कर दुनिया को पछाड़ने की तैयारी में भारत, सरकार ने संसद में दी ये जानकारी

नई दिल्ली | भारत टेक्नोलॉजी के मामले में एक नया अध्याय स्थापित करने जा रहा है. इस संबंध में 6G टेक्नोलॉजी और 6G नेटवर्क पर तेजी से काम हो रहा है. इस मामले में भारत ने 6G रेडियो और कोर कंपोनेंट को लेकर 6G पेटेंट फाइल किया है और टेक्नोलॉजी के मामले में भारत 6G नेटवर्क पर किसी अन्य देश का सहयोग भी लेने के मूड में नहीं है.

India 6G

स्वदेशी 6G टेक्नोलॉजी पर फंडिंग

केंद्रीय मंत्री देवुसिंहा चौहान ने संसद में जानकारी देते हुए बताया है कि उसकी तरफ से स्वदेशी 6G टेक्नोलॉजी के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की जा रही है. स्वदेशी 6G टेक्नोलॉजी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से एक विजन डॉक्यूमेंट जारी किया गया है. भारत में 6G फास्ट ब्रॉडबैंड की सुविधा ऑफर की जाएगी.

2030 तक रोलआउट होगा ब्रॉडबैंड

भारत में 6G वायरलेस ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी को साल 2030 तक रोलआउट किया जा सकता है. मतलब अभी भारत में 6G पहुंचने में 6 से 7 साल का वक्त लग सकता है. इसमें 100 GBPS का हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा, जो कि मौजूदा 5G स्पीड से 100 गुना ज्यादा होगा. वहीं, अगर 5G की बात करें, तो भारत के ज्यादातर लोकेशन तक 5G पहुंच गया है.

6G के फायदे

देशभर में बहुत से लोगों की शिकायत है कि अभी तक 5G नेटवर्क ही ज्यादातर क्षेत्रों में पहुंच से बाहर है तो 6G की तैयारी करने का मतलब क्या है. इस प्रश्न के जवाब में सरकार का कहना है कि 6G टेक्नोलॉजी के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे रहना चाहता है. इससे बाकी देशों में 6G के विस्तार के लिए भारत पहली पसंद बन सकता है.

मौजूदा वक्त में US, चीन समेत कई यूरोपीय देश 5G टेक्नोलॉजी को दूसरे देशों में रोलआउट कर रहे हैं. यही वजह है कि भारत स्वदेशी 6G पर काम कर रहा है, जिसमें 6G पार्ट और उनकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में की जाएगी और इसे भारत के साथ दूसरे देशों में रोलआउट किया जाए. मतलब साधारण शब्दों में समझें, तो स्मार्टफोन की तरह 6G का निर्यात भारत से दूसरे देशों को होगा.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!