नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर- मंतर (Jantar- Mantar) पर जारी पहलवानों का धरना अब और तूल पकड़ता जा रहा है. ऐसा इसलिए कि रविवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों किसान और खाप पंचायत के नेता टिकरी बॉर्डर तक पहुंच गए हैं. यानि कि जंतर- मंतर पर चल रहा पहलवानों का प्रदर्शन जो पिछले 15 दिनों से चल रहा है. अब धरना- प्रदर्शन से आगे बढ़ कर एक आंदोलन का रूप ले चुका है.
बेरिकेडिंग हटाकर दिल्ली में एंट्री
रविवार सुबह से ही किसान नेताओं के साथ भारी संख्या में पंजाब, यूपी और हरियाणा महिलाएं जंतर- मंतर पर पहलवानों को समर्थन देने के लिए आई. हालांकि, इन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा बेरिकेडिंग की गई थी लेकिन महिलाओं ने बेरिकेट्स हटाकर दिल्ली में प्रवेश किया. वहीं इस पूरे प्रकरण पर किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि हम शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत कर रहे हैं. अगर पुलिस किसानों को हिरासत में लेकर थाने ले गई तो उसी थाने में महापंचायत होगी.
65 खापों का समर्थन
शनिवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर पहलवानों के समर्थन को लेकर महम के ऐतिहासिक चबूतरे पर हरियाणा की 65 खाप पंचायतें इक्कठी हुई थी. यहां पर निर्णय लिया गया था कि जंतर मंतर पर पहुंचकर पहलवानों को समर्थन दिया जाएगा. वहीं, आंदोलन की योजना बनाने के लिए 31 सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई है.
खाप पंचायतों का कहना है कि बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर इतने संगीन आरोप होने के बावजूद मोदी सरकार उसे बचा रही है और अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. सरकार ने यदि उसे गिरफ्तार नहीं किया तो खाप पंचायतें कठोर कदम उठाएंगी.
फिर से किसान आंदोलन जैसा मंजर
विवादित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन जैसा मंजर फिर से राजधानी में नजर आ रहा है. जंतर- मंतर पर महापंचायत में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं बसों में भरकर आई है. वहीं, रोहतक की तरफ से भी किसान खाने- पीने और रहने आदि का सामान गाड़ियों में भरकर लाए हैं. ऐसे में दिल्ली में फिर से किसान आंदोलन जैसा आंदोलन शुरू होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है.
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