मिड-डे-मील योजना में खाना बनाने वाली महिलाओं के मानदेय दोगुना करने की तैयारी, जानें क्‍या है योजना

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार मिड डे मील योजना के तहत रसोइयों में काम करने वाली ( कुक कम हेल्पर) के मानदेय में बढ़ोतरी करने जा रही है. सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत खाना बनाने वाली,इन महिलाओं की संख्या 25 लाख के आसपास है. मानदेय में बढ़ोतरी से इनकी आमदनी में इजाफा होगा. केन्द्र सरकार इनके मानदेय में दुगुनी बढ़ोतरी करने जा रही है. हालांकि इसको तीन गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव था लेकिन फिलहाल की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इसे दुगुना ही किया जाएगा.

अगर योजना पर अमल हुआ तो इनका मानदेय 2000 रुपए प्रति महीना हो जाएगा. मौजूदा समय में इन्हें 1000 रुपए महीना मिलता है जिसमें से 600 रुपए केन्द्र सरकार व 400 रुपए राज्य सरकार देती है. पिछले 10 साल से इनके मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हुई है. आखिरी बार बढ़ोतरी 2009 में की गई थी.

mid day meal
15 वे वित आयोग ने की सिफारिश

हालांकि कुछ राज्यों ने इनकी स्थिति को देखते हुए अपने स्तर पर इनके मानदेय में बढ़ोतरी कर रखी है. यह स्थिति तब है जब देश में अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 10000 रुपए महीना है.

रसोइयों में 90 फीसदी महिलाएं

शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बढ़ोतरी प्रस्तावित है. ने बजट की मंजूरी के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा. खाना बनाने के काम में लगभग 90 फीसदी महिलाएं हैं. जल्द ही मानदेय में बढ़ोतरी की खुशखबरी इन महिलाओं को मिलने वाली है.

प्रशिक्षण देने की योजना

इनके काम को ओर बेहतर बनाने के लिए इनको प्रशिक्षण देने की भी योजना है. जिसमें सभी को खाने के पोषक तत्वों को सहेजने सहित ओर क्या पौष्टिक तत्व आहार में शामिल किए जाएं, इससे अवगत कराया जाएगा. मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में 12 करोड़ बच्चों को ताजा भोजन उपलब्ध कराया जाता है.

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