Mother’s Day Special: हर साल मई के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है मदर्स डे? जानिए इसका इतिहास

नई दिल्ली, Mother’s Day Special | आज पूरे देशभर में Mother’s Day मनाया जा रहा है। माँ जग का सर्वश्रेष्ठतम रूप है. इस ब्रह्मांड में मां को भगवान का दर्जा दिया जाता है. अगर माँ ना होती तो शायद हम या आप हममे से कोई भी ना होता. या यूं कहें कि शायद सृष्टि ही ना होती. इसलिए इस जग में मां से प्यारा और कोई नहीं होता जो अपने बच्चे को हर बुराईयों से बचाकर अपने आंचल में सिमेटे रखती है और अपनी अच्छी परवरिश देकर एक अच्छा इंसान बनाती है तो चलिए आज के इस खास दिन को मां के लिए और स्पेशल बनाते हैं…

Mothers DAY

हमेशा साथ देती है मां

कहते हैं यदि किसी के सिर पर मां का हाथ हो तो दुनिया की कोई भी बुराई उसका बाल भी बांका नही कर सकता. नारी 9 महीने बच्चे को गर्भ में धारण करती हैं और जिस प्रसव पीड़ा से वो गुज़रती हैं उसका अंदाज़ा भी नही लगाया जा सकता. केवल इतना ही नहीं, बच्चों के बड़े हो जाने के बाद भी एक मां को हमेशा उसके बच्चे की फिक्र लगी रहती है. इस पूरी दूनिया में एक मां से ज्यादा प्यार आपको कोई भी नहीं कर सकता. किसी भी हालात में चाहे वो अच्छे हो या बुरे मां अपने बच्चे का साथ कभी भी नही छोड़ती. इसके लिए चाहे मां को अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े वो अपनी संतान के लिए किसी भी मुसीबत से लड़ने को हमेशा तैयार रहती है.

धरती पर भगवान का रूप होती है मां

बता दें कि संतान होने के बाद मां दुनिया की मोहमाया छोड़कर अपने हिस्से की सारी खुशी और प्यार अपने बच्चे पर लुटा देती है. मां हमें जिंदगी जीने का सलिखा सिखाती हैं और वही हमारे जीने का सहारा और आधार भी बनती हैं. स्पष्ट रूप में कहें तो मां शब्द को हम शब्दों में बयां ही नहीं कर सकते. वैसे तो अमूमन हम मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघरों में जाते है भगवान को ढूंढने लेकिन भगवान ने अपने रुप में हमारे लिए माता- पिता को भेजा है ताकि वो हर बुरे परिस्थियों से हमारी रक्षा करें. अभी तक हर युग में स्वयं भगवान, अल्लाह या ईशु को भी मां के गर्भ में रह कर ही इस दुनिया में जन्म लेना पड़ा है क्योंकि मां से बड़ा कोई भी नहीं है.

मां के होते नहीं हो सकती तकलीफ

माँ तो वो होती हैं जो खुद भूखे रहे लेकिन अपने बच्चों को भूखे नही रहने देती. मां के होते हुए एक बच्चे को कभी तकलीफ नहीं हो सकती. मां हमेशा एक साए की तरह अपने बच्चे के साथ रहती है. मां का कोई रूप नहीं होता, वो चाहे कितनी भी बीमार क्यों ना हो अपने बच्चे को समय पर हर काम करके देती है. मां का प्यार तो जानवरों, पक्षियों, दुनिया के हर जीव में भी देखने को मिलता है.

मदर्स डे का इतिहास

एना जॉर्विस ने अपनी मां के स्मरण में मातृत्व को समर्पित एक दिन मनाने की इच्छा व्यक्त की थी. उन्होंने 1908 में एक सभा आयोजित की थी, जिसमें वे ने मातृत्व के समर्थन में एक मांदली बनाई थी. इसके बाद, उन्होंने निरंतर मांदलिकरण और देशभर में मातृत्व के लिए लड़ाई की. साल 1914 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने मदर्स डे का आदेश जारी कर दिया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि मदर्स डे को हर साल मई के दूसरे संडे को मनाया जाएगा.

इसके बाद से अमेरिका में मातृत्व के महत्व को उजागर करने के लिए हर साल मदर्स डे मनाया जाता है. आजकल, यह दिन दुनिया भर में मातृत्व को समर्पित होने के लिए मनाया जाता है.

आज Mother’s डे स्पेशल पर Haryana E Khabar की पूरी टीम की ओर से आप सभी माताओं को अनेकों शुभकामनाएं. HAPPY MOTHER’S DAY!

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