Signature Bridge: भारत का नया अजूबा ‘सिग्नेचर ब्रिज’, पढ़े दिलचस्प जानकारी

Signature Bridge | लगभग 14 साल के लंबे इंतजार के बाद दिल्लीवासियों को साल 2018 के नवंबर महीने में सिग्नेचर ब्रिज की सौगात मिली. यमुना नदी पर बने इस ब्रिज (Delhi Signature Bridge) की खूबसूरती की चर्चा अक्सर सुनने को मिलती है. रात के समय लाइटों के चकाचौंध के बीच यह एक अजूबा सा महसूस होता है. लोग दूर- दूर से यहां तस्वीरें खिंचवाने पहुंचते हैं.

Signature Bridge Delhi

यमुना नदी के ऊपर बना देश का पहला केबल स्टाइल ब्रिज कई मायनों में खास है. इसकी कलाकृति की चर्चा देश- विदेशों में होती है. इस Signature Bridge Delhi ने दिल्ली को एक विशेष पहचान दिलाने का काम भी किया है. इस ब्रिज निर्माण से पहले उत्तर और उत्तर- पूर्वी दिल्ली के बीच जाम की समस्या रोजाना देखने को मिलती थी. लेकिन अब इस आठ लेन के ब्रिज ने जाम की समस्या को कई हद तक कम किया है.

सिग्नेचर ब्रिज का इतिहास

सिग्नेचर ब्रिज का आज हर कोई दीवाना है. लेकिन, इस ब्रिज को बनाने का प्रस्ताव एक भयानक सड़क दुर्घटना के बाद रखा गया था. 18 नवंबर, 1997 को कश्मीरी गेट स्थित लडलो कैसल नंबर 2 स्कूल की एक बस बच्चों को लेकर सुबह के समय स्कूल की ओर जा रही थी. बस में बैठने की कुल क्षमता 26 बच्चों की थी जबकि इसमें 100 से अधिक स्कूली विद्यार्थी बैठे थे. जब स्कूली बच्चों से भरी बस वजीराबाद के यमुना नदी के ऊपर बने दो लाइन वाले पुल से गुजर रही थी, तभी बालू के एक ढेर से टकरा जाती है.

जिसके बाद, बस असंतुलित होकर रेलिंग तोड़ते हुए यमुना नदी में जा गिरी. इस भयानक दुर्घटना में करीब 28 बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के पीछे कहीं ना कहीं वजह पुल के संकीर्ण होने की रही. उस समय यह सड़क दुर्घटना काफी चर्चा का विषय बनी और पुल को चौड़ा करने की जरूरत महसूस हुई. इसके बाद ही सिग्नेचर ब्रिज का प्रस्ताव रखा गया.

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सिग्नेचर ब्रिज को बनने में लगा लंबा समय

यमुना नदी के ऊपर सिग्नेचर ब्रिज बनाने की घोषणा साल 2004 में शीला दीक्षित की सरकार के समय हुआ. शुरुआत में काम बड़े जोरों- शोरों के साथ शुरू किया गया और लक्ष्य रखा गया कि कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा. लेकिन, 2010 की समय सीमा से पहले ब्रिज का निर्माण नहीं हो पाया. जिसके बाद साल 2016 ब्रिज के पूरी तरह निर्माण की एक नई डेडलाइन जारी की गई लेकिन फिर भी निर्धारित समय निकल गया और ब्रिज तैयार नहीं हो पाया. आखिरकार, साल 2018 में ब्रिज बनकर तैयार हुआ और 4 नवंबर को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन किया.

Delhi Signature Bridge

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सिग्नेचर ब्रिज की मुख्य विशेषताएं

1. यह देश का पहला केबल स्टाइल ब्रिज है, जिसे नमस्ते के आकार में डिजाइन किया गया है.

2. इस ब्रिज को बनाने में कुल 1,594 करोड़ रुपये की लागत लगी है.

3. यह आठ लेन वाला ब्रिज है जो वजीराबाद रोड को रिंग रोड से जोड़ता है.

4. ब्रिज में 4 लिफ्ट भी लगाई गई है जिनकी क्षमता 50 लोगों तक है.

5. ब्रिज के ऊपर 154 मीटर का ग्लास बॉक्स और 575 मीटर लंबाई का सेल्फी स्टाफ भी है.

6. ब्रिज का मुख्य आकर्षक 154 मीटर ऊंचा मुख्य पिलर है. जिसकी ऊंचाई क़ुतुब मीनार से दुगनी है.

Signature Bridge Delhi- सिग्नेचर ब्रिज दिल्ली
अधिकारिक नाम  सिग्नेचर ब्रिज
ऊंचाई 165
चौड़ाई 35.2
लम्बाई 675
निर्माण शुरू 2004
डिज़ाइन केबल स्टाइल ब्रिज
स्थान यमुना नदी के ऊपर, वजीराबाद (दिल्ली)
उद्घाटन 09 नवम्बर 2021 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FaQ)

सिग्नेचर ब्रिज कहा पर स्तिथ है?

यह ब्रिज दिल्ली के वजीराबाद में यमुना नदी के ऊपर है.

सिग्नेचर ब्रिज किसने बनवाया?

इस ब्रिज को शीला दीक्षित की सरकार ने बनवाया व अरविन्द केजरीवाल ने साल 2018 ने उद्घाटन किया.

सिग्नेचर ब्रिज कब बना था?

यह ब्रिज साल 2018 में बनकर तैयार हुआ व 9 नवम्बर 2018 को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने उद्घाटन किया.

सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई कितनी है?

इस ब्रिज की ऊंचाई 251 मीटर है.

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