हरियाणा का यह गांव बना सेना के जवानों की फैक्ट्री, 700 से अधिक जवान सेना में दे चुके सेवा

नूंह | हरियाणा प्रदेश को वीरों की भूमि कहा जाता है. हर गांव में वीरता की कई कहानियां बसी हुई हैं. इन्हीं में से एक है नूंह का उजीना गांव. यह ऐसा गांव है जिसे सेना के जवानों की फैक्ट्री माना जाता है. इस गांव के युवकों में देश सेवा का एक अलग ही जज्बा है. गांव की आबादी करीब 12 हजार है, जिसे करीब 700 साल पहले बसाया गया था.

Indian Army

700 से अधिक जवान सेना में दे चुके सेवा

उजीना गांव के युवाओं की बहादुरी की कहानियां आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. साल 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान सेवानिवृत्त मेजर रणसिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस गांव के 700 से अधिक सैनिक सेना में सेवा दे चुके हैं और अभी भी कई जवान सेना में कार्यरत हैं. सेना, नौसेना, सीआरपीएफ समेत कई सैन्य और अर्धसैनिक बलों के जवान आज भी देश की सीमाओं पर तैनात हैं.

10 बच्चे हो चुके अग्निवीर भर्ती में सिलेक्ट

अग्निवीर योजना में गांव के नए युवाओं का भी चयन किया गया है. इस गांव के युवाओं में देश की सेना में शामिल होने का जज्बा बचपन से ही है. माता- पिता शुरू से ही व्यायाम और दौड़ को अपने बच्चों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बनाते हैं. केंद्र द्वारा शुरू की गई अग्निवीर योजना के तहत, अब तक लगभग 10 बच्चों का चयन किया जा चुका है.

विकसित गावों में एक है उजीना गांव

नूंह से करीब 10- 12 किलोमीटर दूर नूंह- होडल रोड पर स्थित उजीना गांव हर मायने में एक आदर्श गांव है. इस गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि सुविधाओं का स्तर अन्य गांवों की तुलना में बहुत अच्छा है. इसमें सरकार के योगदान के साथ- साथ ग्रामीणों का भी अहम योगदान रहा है. उजीना गांव का जज्बा देखकर आसपास के गांव के लोग भी इससे प्रेरणा लेते हैं.

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