नूंह को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा, उठाए ये अहम सवाल

नूंह | हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह लगातार अपनी ही राज्य सरकार को घेर रहे हैं. ऐसा इसलिये क्योंकि गुरुग्राम से सांसद होने के नाते नूंह जिला उनके ही संसदीय क्षेत्र में आता है. कहा है कि नूंह जिले के तावडू में बनने वाला स्थाई RAF कैंप राज्य सरकार की वजह से नहीं बन पाया है. इसके लिए हरियाणा सरकार को पानी, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करानी थी जो नहीं की गई. इतना ही नहीं, जमीन हस्तांतरण के लिए सीएलयू की औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गईं.

Rao Inderjit Singh

सिंह ने ब्रजमंडल यात्रा में हथियार ले जाने पर सवाल उठाए थे. हालांकि, इस बयान के बाद पर्यटन निगम के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव ने उनके बयान की निंदा की थी. राव इंद्रजीत सिंह पहले भी विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं लेकिन, नूंह हिंसा के बाद वह बेबाकी से बोल रहे हैं.

सीएम मनोहर लाल को भी लिखा पत्र

राव इंद्रजीत सिंह द्वारा अक्टूबर 2022 में तावडू में आरएएफ के स्थायी कैंप को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखा गया पत्र भी सामने आया है. इसमें भी राव इंद्रजीत सिंह ने राज्य सरकार की उपेक्षा का खुलकर जिक्र किया है. इसमें भी उन्होंने 4 बिंदुओं का जिक्र करते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में कदम उठाने का अनुरोध किया था. इसके साथ ही, न केवल नूंह बल्कि गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, रेवाड़ी और राजस्थान को मिलने वाले फायदे का भी जिक्र किया.

2017 में हुई हिंसा के बाद ये लिया था फैसला

एक दिन पहले ही गुरुग्राम के पटौदी में कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि करीब 7- 8 साल पहले भारत सरकार और गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बल आरएएफ के गठन का निर्णय लिया था. तावडू में डेरा 2017 में तावडू में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए उस वक्त यह फैसला लिया गया था. राव का कहना है कि नूंह जिला हमेशा से ही बेहद संवेदनशील रहा है.

राव इंद्रजीत सिंह ने साफ कहा कि तावडू में प्रस्तावित आरएएफ कैंप के लिए राज्य सरकार द्वारा पानी, बिजली, सड़क जैसे संसाधन उपलब्ध नहीं कराने के साथ ही सीएलयू की औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गईं.

जांच के बाद ही दोषी दिया जाना चाहिए करार

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने नूंह में धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा की घटना पर कहा कि जांच के बाद ही किसी को दोषी ठहराना उचित होगा. बिना ठोस सबूत के किसी को भी दोषी नहीं कहा जाना चाहिए. पुलिस प्रशासन और कानून दोनों अपना- अपना काम कर रहे हैं. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और दोषी आरोपी को सजा भी कोर्ट ही देगी.

उन्होंने कहा कि नूंह में हुई हिंसा की जितनी भी निंदा की जाए कम है. आजादी के बाद से आज तक वहां इस तरह की कथित जातीय हिंसा नहीं देखी गई है. वहां हिंसा और आगजनी समेत उपद्रव में शामिल ज्यादातर लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और जो बचे हैं उन्हें भी जल्द ही काबू कर लिया जाएगा.

अचानक तनाव की उच्च स्तरीय जांच जरूरी

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नूंह में दोनों समुदायों के बीच 75 साल से शांति बनी हुई है. आखिर क्या वजह थी कि अचानक तनाव का माहौल हो गया. इस तरह अचानक पैदा हुए तनाव की उच्च स्तरीय जांच होना जरूरी है. हिंसा और आगजनी जैसी घटनाओं के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसे सजा मिलनी ही चाहिए.

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