लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट, 16 दिन से चावल खाकर कर रहे हैं गुजारा

पलवल । कोरोना महामारी मे जहां सभी लोगों को काम धंधे को लेकर परेशानी उठानी पड़ रही है . खासकर मजदूरों के सामने यह संकट पहाड़ की तरह खड़ा हुआ है. बता दें कि पलवल के दशहरा मैदान में रहने वाले 80 हजार परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अबकी बार तो कोई समाजसेवी भी मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहा, ना ही प्रशासन से किसी प्रकार की मदद मिल रही है. झोपड़ियों में रहने वाले यह परिवार रोजाना मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं.

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प्रशासन से नहीं मिल रही किसी प्रकार की मदद

यह परिवार यूपी से निकलकर दिल्ली और अब दिल्ली से निकलकर पलवल में पिछले कई सालों से झोपड़ियों में रह रहे हैं. लॉक डाउन की वजह से इनका काम धंधा बंद हो गया है, जिसके कारण इन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही. घर में रखा राशन का सामान भी अब खत्म होने लगा है. यह सभी समाजसेवी और प्रशासन की तरफ उम्मीद की आस लगाए देख रहे हैं. लेकिन अबकी बार ना तो कोई प्रशासन और ना कोई समाजसेवी आगे आ रहा है.

जहां एक तरफ उनको खाने की समस्याओं को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर यहां पर किसी प्रकार का कोई कोरोना जांच के लिए कैंप नहीं लगाया जा रहा. जिसकी वजह से लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पाई है. लोगों का कहना है कि वह बेहद कम पढ़े लिखे हैं. वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना संभव नहीं है. कुछ लोगों ने बताया कि वे पिछले 16 दिनों से चावल खाकर गुजारा कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

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