पलवल के तुषार ने सीडीएस की परीक्षा में पाई पहली रैंक, टॉप करने का बताया सीक्रेट

पलवल | UPSC की सीडीएस की परीक्षा पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है. मगर कड़ी मेहनत के दम पर कोई भी परीक्षा पास की जा सकती है जरूरत होती है केवल सही मार्गदर्शक की. UPSC (CDS) परीक्षा में पलवल जिले के गांव सेलौटी के बेटे तुषार तंवर ने पूरे भारत में पहला रैंक हासिल कर न केवल क्षेत्रवासियों, परिवारजनों समेत पूरे प्रदेश का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है. साथ ही, संघर्षशील बच्चों का हौंसला अफजाई कर उन्हे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.

Tushar Tanwar Palwal

परिवार में नहीं है सैन्य बैकग्राउंड

तुषार ने बताया कि उनका कोई भी पारिवारिक बैकग्राउंड नहीं है. परिवार में कोई भी सेना में आज तक शामिल नहीं हो पाया है. ऐसे में जब उन्होंने सीडीएस की परीक्षा पास की तो लोगों ने पूछा कि जरूर परिवार में सैनिक बैकग्राउंड के लोग होंगे. तुषार ने बताया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.

बच्चों को दी जनरल नॉलेज पढ़ने की सलाह

पेपर को लेकर तुषार का कहना है कि उन्होंने एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ी हैं. सीडीएस कि अगर आप तैयारी कर रहे हैं तो आपको जितना हो सके जनरल नॉलेज की ओर रुख करना चाहिए क्योंकि अधिकतर प्रश्न जनरल नॉलेज के ही आते हैं. लगभग 90 प्रश्न जनरल नॉलेज के ही पेपर में आए थे. तुषार सीडीएस की तैयारी करने वाले बच्चों को जनरल नॉलेज पढ़ने की सलाह देते हैं.

परिवार की खुशी का नहीं रहा कोई ठिकाना

तुषार ने बताया कि बीच में एक पल लगा कि पेपर पास काफी मुश्किल है मगर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी. वह कड़ी मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करते रहे, जिस दिन रिजल्ट आया तो उन्हें यकीन नहीं हुआ किसी उन्होंने प्रथम रैंक हासिल की है. जब परिवार को पता चला कि तुषार ने सीडीएस की परीक्षा में पहली रैंक हासिल की है तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.

ऑफलाइन और ऑनलाइन कक्षाओं का बताया फर्क

ऑफलाइन और ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर तुषार का कहना है कि लोगों में यह भ्रम होता है कि ऑफलाइन कक्षाएं लेकर ही कठिन परीक्षा पास की जा सकती है. मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए एक सही डिसिप्लिन होना बहुत जरूरी है. डिसिप्लिन में रहकर ही परीक्षाओं को पास किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 था तो उस वक्त घर पर ही रहना पड़ता था. ऐसे में राकेश सर जिन्होंने अपना पहला बैच ऑनलाइन आरंभ किया था. उनकी कक्षा में पढ़ाई आरंभ की. तुषार ने कहा कि लाकडाउन के बाद ही ऑनलाइन पढ़ाई का चलन अधिक बढ़ा है.

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