उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसानों ने दिखाए काले झंडे, प्रशासन के हाथ पैर फूले

सिरसा । 3 नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान आंदोलन अभी भी जारी है. इसी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को किसानों ने भूमणशाह चौक पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका है. इसके साथ ही पुलिस लाइन में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के हेलीकॉप्टर में चढ़ते समय उन्हें काले झंडे दिखाए गए. किसानों के इस भयावह विरोध को देखते हुए शिक्षा मंत्री के कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दूसरी चौटाला के आने को लेकर किसानों द्वारा किए गए इस भयावह विरोध को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.

kisan aandolan

किसान आंदोलन का फाइल फोटो.

हरियाणा में बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम का होगा विरोध

दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर सुबह के समय एक युवा किसान शहीद हो गया. सबसे पहले युवा किसान के शहीद होने पर 2 मिनट का मौन धारण किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई. हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह धारूहेड़ा ने जानकारी देते हुए कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर यह फैसला लिया गया है कि हरियाणा में जिस भी क्षेत्र में बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम होंगे, उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा. कोई भी किसान राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में नहीं जाएगा.

बीजेपी के साथ मिले हुए हैं दुष्यंत चौटाला -भारूखेड़ा

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सिरसा दौरे पर कार्यक्रम को लेकर भूमणशाह चौक पर किसानों ने उनका पुतला फूंका और पुलिस लाइन में दुष्यंत चौटाला के हेलीकॉप्टर को काले झंडे भी दिखाए गए. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम और बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने किसानों को बहला-फुसलाकर वोट तो हथिया लिए परंतु अब दोनों ही बीजेपी के नेताओं के साथ मिल गए हैं.

जनता के सामने आ चुकी है नेताओं की असलियत

बार-बार सभी एक ही मांग कर रहे हैं कि यह दोनों नेता अपने पद से इस्तीफा दे दें और किसानों के समर्थन में आ जाएं. परंतु दोनों नेताओं को किसानों से कहीं अधिक अपनी-अपनी कुर्सी प्यारी है. भारूखेड़ा ने कहा कि काठ की हांडी सिर्फ एक ही बार चढ़ती है, बार-बार नहीं चढ़ती. अब जनता को ऐसे नेताओं की असलियत पहचान आ चुकी है और जनता इन्हें सबक सिखाने के लिए भी तैयार है. समय बदल गया है. वोट बैंक की राजनीति करने वालों के दिन निकल चुके हैं. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में किसान आंदोलन को और उग्र और तेज बनाया जाएगा. क्योंकि यह ढीठ सरकार इतनी आसानी से नहीं मानने वाली.

 

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