दुष्यंत चौटाला को चढूनी का चैलेंज, कहां-कमाई करने के लिए खराब की दादा परदादा की इज्जत

सिरसा। केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को लगभग सात महीने पूरे होने को है. इन कानूनों के विरोध में सरकार और किसान नेताओं के बीच आपस में गतिरोध लगातार बरकरार है. इन सबके बीच हरियाणा में बीजेपी और उसके साथ सरकार में सहयोगी जेजेपी पार्टी के नेताओं का भी जमकर विरोध हो रहा है. वहीं सरकार की ओर से भी किसान नेताओं पर जमकर बयानबाजी हों रही है. इसी बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा सरकार को खुब कोसा और हरियाणा के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को खुली चुनौती दें डालीं.

Gurnam Singh Chadhuni

सिरसा यूनिवर्सिटी में चौधरी देवीलाल की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन को कमाई का अड्डा बता डाला. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब राजनीति करने की जगह ज्यादा बन गई है. दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दादा और परदादा की इज्जत खराब करके कमाई करने के लिए दुष्यंत चौटाला बीजेपी सरकार में सहयोगी बना हुआ है.

दुष्यंत ने चुनाव प्रचार के दौरान जिस बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रचार करते हुए किसानों के वोट हासिल किए थे, आज उसी किसान विरोधी सरकार में आंख मूंद कर बैठा हुआ है. चढूनी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके आह्वान पर बीजेपी जेजेपी नेताओं का घेराव करना छोड़ देंगे तो हम समझेंगे कि किसान आंदोलन हमारे हाथों से निकल गया है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार किसान बिलों को वापिस नहीं लेंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा और हरियाणा सरकार के विरोध का सिलसिला भी यूंही बना रहेगा.

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