किसान पिता के जुनूनी बेटे की कहानी, छोटी सी उम्र में हासिल की बड़ी उपलब्धियां

रोहतक । खेलों के किसी भी बड़े महाकुंभ की बात हो और वहां हरियाणा के खिलाड़ियों का जिक्र न हो,ऐसी कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं. हरियाणा के लोग अपनी सभ्यता, परंपरा और मेहनत के बीज को कुछ यूं बोते हैं कि पूरा देश तरक्की से हरा-भरा हों जाता है. खेलों में तो इस राज्य का कोई सानी नहीं है. कुश्ती हो या मुक्केबाजी , यहां के लाल अपने पसीने से कभी दंगल को सींचते हैं तो कभी अपने दमदार पंच से दुनियाभर में तिरंगे का मान बढ़ाते हैं. ऐसे ही हरियाणा के एक मुक्केबाज अमित पंघाल का जिक्र करते हैं जो भले ही टोक्यो ओलम्पिक में हारकर पदक की रेस से बाहर हो गए हो लेकिन उनके द्वारा किए गए कुछ शानदार प्रदर्शन की आज भी चर्चा होती है.

AMIT PANGHAL

कौन है अमित पंघाल

अमित का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के गांव मायना में एक साधारण किसान परिवार के घर में हुआ. बताते हैं बड़े भाई अजय ने ही अमित को बॉक्सिंग के लिए प्रेरित किया. अमित ने भी उनकी सलाह को मानते हुए जी-तोड़ मेहनत की और सफलता के नए आयाम स्थापित किए. अमित अपनी सफलता का श्रेय आज भी अपने बड़े भाई अजय को देते हैं. अमित बताते हैं कि वह हमेशा मेरे लिए रणनीति तैयार करते हैं और मैं कोशिश करता हूं कि हर मुकाबले से पहले उनसे बात करूं.

फर्श से अर्श तक का सफर

अमित पंघाल के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना था. 2017 में ही एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के साथ ही वह मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगें थे.
अब मौका था 2018 राष्ट्रमंडल खेलों का , जहां अमित ने रजत पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया. 2018 में हुएं एशियाई खेलों में अमित ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में रियो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को अपने पंचों से धुनते हुए भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला.
अमित पंघाल इकलौते भारतीय मुक्केबाज है जिसने यूरोप के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार दो बार गोल्ड मेडल जीतने का काम किया. इसी साल उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. टोक्यो ओलम्पिक खेलों में 49 किलोग्राम भार वर्ग की कैटेगरी खत्म करने के बाद उन्होंने 52 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने का फैसला किया. भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत अमित पंघाल टोक्यो ओलम्पिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतने के सबसे बड़े दावेदारों में से एक थे.

टोक्यो ओलम्पिक में नहीं दिखा पाए कमाल

52 किलोग्राम भारवर्ग में दुनिया के नंबर वन मुक्केबाज अमित पंघाल टोक्यो ओलम्पिक में कोई कमाल नहीं दिखा पाए. अपने डेब्यू ओलम्पिक मुकाबले में अमित पंघाल को हार का सामना करना पड़ा. अमित की इस हार से पदक की उम्मीद लगाए बैठे हर देशवासी को मायूसी हाथ लगी.
अमित के मुकाबले को लेकर उनके पैतृक गांव मायना में काफी उत्साह था. अमित का मुकाबला देखने के लिए लोग सुबह से ही टेलीविजनों के सामने डटे हुए थे. सबको अमित की जीत की उम्मीद थी. लेकिन मुकाबले में हार के बाद निराशा के भाव परिजनों व ग्रामवासियों के चेहरे पर साफ झलक रहें थे.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!