हरियाणा में बनेगी नई स्कूल खेल पॉलिसी, पाठ्यक्रम में शामिल होंगी ओलम्पिक पदक विजेताओं की कहानी

पंचकूला । टोक्यो ओलम्पिक में हरियाणवी खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन से उत्साहित हरियाणा की मनोहर सरकार अब स्कूल लेवल से ही अच्छे खिलाड़ी तैयार करने की योजना पर काम शुरू कर रही है. इसके लिए खेल सुविधाओं का बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा. नए सिरे से स्कूल खेल पॉलिसी तैयार की जा रही है. इसके अलावा ओलम्पिक विजेताओं की कहानी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

dushant chautala

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और सहायक शिक्षा अधिकारियों (खेल) के साथ नए प्रारूप पर मंथन करते हुए विभिन्न सुझावों पर काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. खिलाड़ियों के चयन में भाई-भतीजावाद और स्कूली खेलों में धोखाधड़ी पर पूरी तरह कंट्रोल करने के लिए दोषियों पर सख्ती बरतने की सिफारिश की गई है.

किस क्षेत्र में बच्चे कौन से खेल में अधिक रुचि दिखा रहे हैं, उसे नोटिफाई कर उस क्षेत्र में उसी खेल को प्रोत्साहित किया जाएगा. कैच द चाइल्ड मुहिम शुरू की जाएगी जिसके अंतर्गत बच्चों की स्पेशल निगरानी की जाएगी कि वह कहां,कब व कैसे खेलते हैं. प्रत्येक मंडल और फिर प्रत्येक ब्लॉक में सभी खेल सुविधाओं से लैस एक आवासीय विद्यालय खोलने की तैयारी है.

नए खिलाड़ियों की पहचान को ओर मजबूत बनाने के लिए डीपीई और पीटीआई की भूमिका तथा जिम्मेदारी को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा.

प्राथमिक स्कूलों पर रहेगा फोकस

प्रत्येक पीटीआई को नजदीक के 3-4 प्राथमिक स्कूलों की जिम्मेदारी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी. जिला युवा कल्याण एवं खेल कार्यालय में कार्यरत प्रशिक्षकों को नियमित रूप से उन स्कूलों का निरीक्षण करना होगा, जहां उनके खेल से जुड़ी टीम तैयार की जा रही है.बालिका खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए रोल मॉडल कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे.

300 छात्रों वाले स्कूलों में खेल टीम बनाना अनिवार्य

300 से ज्यादा छात्रों वाले स्कूलों में एक या दो खेलों की टीम तैयार करना जरूरी होगा. पीटीआई मास्टरों का एक ग्रुप तैयार किया जाएगा जो दूसरे स्कूलों में भी खिलाड़ियों की सहायता कर सकेंगे. स्कूलों में संचालित खेल नर्सरियों की जवाबदेही तय की जाएगी ताकि खिलाडियों के प्रदर्शन में सुधार हो सके.

प्राथमिक स्तर से लागू होगी शारीरिक शिक्षा

शारिरिक शिक्षा विषय के पाठ्यक्रम को फिर से डिजाइन कर इसे प्राथमिक स्तर पर लागू किया जाएगा. जिला स्तर पर एईओ और एईईओ तथा ब्लाक स्तर पर प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी. अध्यापकों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में एक कॉलम जुड़ेगा कि क्या उन्होंने खेल में योगदान दिया और यदि हां तो उसका ब्यौरा देना होगा.

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