मां व छोटे बेटे ने बड़े भाई की हत्या कर घर में दफना दिया था शव, ऐसे खुला राज

महम । महम विधानसभा क्षेत्र के गांव सैमण से एक दिल दहला देने वाली वारदात का खुलासा हुआ है. यहां 2 महीने से गायब एक युवक का शव घर में ही फर्श के नीचे दबा मिला है. रिश्तेदारों की शिक़ायत के बाद महम थाना पुलिस ने करीब दो घंटे की खुदाई के बाद शव को बाहर निकाला. पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक के छोटे भाई व मां को गिरफ्तार किया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि मां- बेटे के आपसी विवाद के चलते करीब दो महीने पहले युवक की हत्या कर दी गई थी.

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हत्या के बाद घर पर ही दफनाया

गांव सैमण में करीब दो महीने पहले 23 वर्षीय कर्मपाल उर्फ राहुल को उसी की मां व छोटे भाई ने मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद शव को दफनाने के लिए घर में ही लगभग साढ़े तीन फुट गहरा, चार फुट लंबा व दो फुट चौड़ा गड्ढा तैयार किया गया. लगभग दो महीने बाद मृतक के फूफा सतीश व वजीर को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने शक के आधार पर कार्यवाही करते हुए शनिवार को ही मकान को कब्जे में लिया.

पुलिस ने ग्रामीणों के सामने मकान को सील करते हुए एक पुलिसकर्मी की वहां तैनाती की. पुलिस ने मां सुनीता व छोटे बेटे विकास को रोहतक व फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया था जिन्होंने कर्मपाल की हत्या कर शव घर में ही दफनाने की बात स्वीकार की थी. रविवार को घर की खुदाई के लिए बीडीपीओ राजकुमार शर्मा को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया गया था तथा साथ ही डॉक्टरों की टीम के साथ एसएफएल इंचार्ज डॉ सरोज दहिया व एसएचओ शमशेर सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे.

मृतक की मां की निशानदेही पर लगभग दो घंटे की खुदाई के बाद शव को बाहर निकाला गया. शव लगभग कंकाल का रुप ले चुका था. खुदाई में सामने आया कि लगभग चार इंची रोड़ी का मसाला डालने के बाद गड्डे को ईंटों से पक्का किया गया था. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआई भेज दिया.

ये था मामला

मृतक कर्मपाल पिछले दो महीनों से लापता था. वह गाड़ी चलाने का काम करता था. वह जब भी काम से घर आता था तो ज्यादातर समय अपने फूफा पेटवाड़ निवासी सतीश व हसनपुर निवासी वजीर के पास ही बिताता था. लापता कर्मपाल उर्फ राहुल का कोई अता-पता नहीं चला तो मां व छोटा भाई भी घर से बाहर रहने लगे. गांव से ही किसी व्यक्ति द्वारा फूफा सतीश व वजीर को कोई बात बताई गई तो शक के आधार पर दोनों ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ है.

फांसी देकर मारा गया

एसएचओ शमशेर सिंह ने बताया कि करीब दो महीने पहले दोनों मां-बेटा गली में झगड़ रहे थे. मृतक कर्मपाल अपनी मां को गंदी-गंदी गालियां दे रहा था. उस वक्त छोटा भाई विकास घर में सो रहा था. दोनों मां-बेटा कर्मपाल को घर के अंदर लें गए और उसे पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान जब कर्मपाल गालियां देना बंद नहीं कर रहा था तो उसके गले में रस्सी डालकर खींच लिया, जिससे उसकी फांसी लगने से मौत हो गई. इसके बाद शव को गड्डे में दफनाकर उपर से रोड़ी का फर्श डाल दिया ताकि शव की बदबू बाहर न आने पाएं.

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