चक्रवाती तूफान का गुजरात से होते हुए इस दिन होगा हरियाणा में आगमन, किसानो ने लिए मौसम विभाग का अलर्ट

हिसार । चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के द्वारा अरब सागर में बने अति सिवियर साइक्लोन ताऊ-ते (चक्रवाती तूफान ) और संभावित पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से जो मौसम में बदलाव होगा उसके लिए हरियाणा में भी अलर्ट जारी किया है. हिसार स्थित मौसम विभाग के अध्यक्ष श्री मदन लाल खीचड़ के अनुसार कल 18 मई से मौसम में बदलाव संभव है.

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गौरतलब है कि मौसम विभाग द्वारा पहले भी पूर्वानुमान जारी किया गया था जिसके अनुसार 13 से 14 मई को अरब सागर के दक्षिण पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बना था.जो कल 16 मई रात्रि को अति सिवियर साइक्लोन में बदलकर उत्तर-उत्तर पश्चिमी दिशा की तरफ आगे बढ़ गया.  यह साइक्लोन आगे बढ़ते हुए गुजरात के तटों के आसपास आज 17 मई देर रात तक या फिर 18 मई सुबह तक पहुंचने की संभावना है. इसके साथ ही 18 मई को लैंडफॉल होने की संभावना भी है,जिससे इसकी तीव्रता में कमी होगी. तीव्रता में कमी होने के कारण यह डिप्रेशन का रूप ले लेगा.

इस दिन दिखेगा हरियाणा में असर

मौसम विभाग ने बताया कि कल 18 मई को यह अरब सागर से उठा तूफान ताऊ ते गुजरात, राजस्थान होते हुए नमीं वाली वाली हवाएं हरियाणा राज्य की तरफ बढ़ाएगा और पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से मौसम में बदलाव लाएगा.जिसके फलस्वरूप 18 मई की रात से 20 मई के बीच में हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाएं चलने की संभावनाएं बनी हुई हैं. इसके साथ गरज और चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है. इसके अलावा मौसम विभाग की माने तो कुछेक स्थानों पर तेज बारिश की संभावना भी बनी हुई है. इस साइक्लोन का प्रभाव 21 मई को कम हो जाने की संभावना है, जिससे 21 मई को भी कुछ स्थानों पर हल्की हवाएं और बारिश होगी. मौसम विभाग के अनुसार 21 मई के बाद मौसम मौसम खुश्क रहने की संभावना भी बनी हुई है.

मौसम विभाग की कृषि संबंधित सलाह

  • क्योंकि अगले 4 दिनों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है इसीलिए नरमा और बाकी खरीफ फसलों की बिजाई को 21 मई तक रोक लिया जाए. जैसे ही मौसम साफ हो यह काम तब करें.
  • मौसम विभाग की तरफ से किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वह गेहूं के भूसे, थोड़ी या घर में खुले में पड़े अनाज को ढक कर रखें. तेज हवा या बारिश से इनके उड़ने या खराब होने की संभावना हो सकती है.
  • यह भी सलाह दी गई है कि सब्जियों, बागों या खड़ी फसलों में सिंचाई या रसायनों के छिड़काव का काम कुछ दिनों तक के लिए रोक लें.
  • बारिश की संभावना बनी हुई है. इसलिए फलों और सब्जियों में जल निकास का प्रबंध पहले से ही कर लें.ताकि यदि बारिश का पानी ज्यादा आता है तो वह लंबे समय तक फसलों में ना खड़ा रह सके.

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