देश पर मंडरा रहा है एक और चक्रवातीय तूफान का खतरा, जानें दिल्ली- हरियाणा पर क्या असर पड़ेगा इसका

नारनौल । भारत को फिर एक शक्तिशाली भीषण चक्रवातीय तूफान ‘जवाद’ के खतरे से जूझना पड़ सकता है. यह तूफान पहले अक्टूबर माह में बनने जा रहा था लेकिन उस वक्त वह केवल डिप डिप्रेशन लो प्रेशर एरिया में ही रहने की वजह से टल गया था. उस समय उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय मौसम प्रणाली वैस्टर्न डिस्टरबेंस के मिलन से उड़ीसा व आंध्र प्रदेश तथा उतरी पर्वतीय क्षेत्रों उत्तराखंड, मैदानी क्षेत्रों पर हुई बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई थी, जिसकी आहट अब एक बार फिर से डरा रहीं हैं.

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राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले समय में बंगाल की खाड़ी में एक और शक्तिशाली चक्रवातीय तूफान ‘जवाद’ आने वाला है. उन्होंने बताया कि मानसून की वापसी के बाद भी देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की गतिविधियां होने के पीछे ला- नीना सक्रिय मौसम प्रणाली का विशेष योगदान रहा है.

वर्तमान में सक्रिय मौसम प्रणाली अरब सागर में लो प्रेशर एरिया से नमी वाली हवाओं और पर्वतीय क्षेत्रों में एक कमजोर वैस्टर्न डिस्टरबेंस के मिलन से एक व दो दिसंबर को बादल छाए रहे. इस प्रणाली का मुख्य प्रभाव केवल महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड पर ही होगा.

इसके अलावा एक सक्रिय वैस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से तीन दिसंबर को सुबह 2:30 से 5:30 बजे तक सीमित क्षेत्रों उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व हरियाणा के कुछ जिलों जैसे सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर में हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना बन रही है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया जो बाद में डिप डिप्रेशन लो प्रेशर एरिया से एक शक्तिशाली चक्रवातीय तूफान जवाद बनने की संभावनाएं बन रही है जिसका लैंडफाल उड़ीसा व आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर तीन दिसंबर को होने की संभावना है, जिससे 70-80 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चलने की संभावना है.

एनसीआर- दिल्ली और हरियाणा में येलो अलर्ट

इसके साथ ही उत्तर दिशा में एक वैस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय सशक्त मौसम प्रणाली बन रही है और इस दौरान हवा की गति 30-50 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना जताई गई है. जिसकी वजह से मैदानी क्षेत्रों पर फिर से चक्रवात जवाद के प्रभाव से पूर्वी नमी वाली हवाओं व पछुआ हवाओं का मिलन होगा.

जिसकी वजह से पांच-छह दिसंबर को हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड में बारिश की गतिविधियां देखी जा सकेंगी, पर्वतीय क्षेत्रों पर भारी हिमपात होगा और मैदानी भागों पर बारिश के साथ कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी देखी जाएगी. जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी और तेज हवा चलेंगी. जिसकी वजह से संपूर्ण इलाके में शीतलहर चलने की संभावनाएं बन रही है. मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, हिमाचल प्रदेश पर पांच-छह दिसंबर को येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है.

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