गौशालाओं में चारे को तरस रही है गोमाता, भूसा संकट गहराने के पीछे यह है बड़ी वजह

यमुनानगर।पूरे हरियाणा प्रदेश की गौशालाओं में गौवंश के लिए सुखा चारा यानि तुड़ी का संकट एक बड़ी समस्या के रुप में खड़ा हो गया है. गोवंश चारे की उम्मीद में आंख गड़ाए बैठे हुए हैं. बात यमुनानगर ज़िले की करें तो ऐसा भी नहीं है कि यहां गोवंशीय के हिस्से की जमीन नहीं हो. 3994 एकड़ जमीन होने के बावजूद इन गोवंशीयो को चारा नसीब नहीं हो रहा है.

Besahara Pashu

इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पंचायतों का गौचरान भूमि पर कब्जा होना है. इस जमीन से पंचायतों की आमदनी तो बढ़ी है लेकिन गोवंशीयो के लिए चारे का इंतजाम करना गौशाला संचालकों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. दिनोदिन हालात बिगड़ते जा रहें हैं और जल्द ही सरकार और प्रशासन ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.

उठने लगी गोचरान भूमि को खाली करने की मांग

जिले में गोचरान की कुल 3994 एकड़ जमीन हैं लेकिन इस जमीन पर कहीं खेती हो रही है तो कहीं अवैध कब्जे हैं. गोसंवर्धन न्यास के अध्यक्ष रोहित चौधरी ने कहा कि गोचरान भूमि पर से अवैध कब्जे हटवाकर इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में गोचरान भूमि पर तारबंदी कर वहां गायों को चरने के लिए छोड़ दिया जाता है. सरकार और प्रशासन यदि गंभीरता से यहां एक्शन लें तो यहां भी यह काम हो सकता है.

ग्रांट भी नहीं मिल रही

आदिबद्री गोशाला के संचालक विनय स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि उनकी गौशाला में 300 से ज्यादा गौवंश हैं लेकिन पिछले तीन साल से उनकी गौशाला को ग्रांट नहीं मिल रही है. हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासन को काफी बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

उन्होंने बताया कि इन दिनों अधिकांश गौशालाओं में चारे को लेकर विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. पैदावार कम होने के कारण सुखे चारे की कीमतों में बेतहाशा उछाल देखने को मिल रहा है, जिसके चलते गौशालाओं में चारे की कमी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द गौशालाओं के लिए चारे का इंतजाम किया जाना चाहिए और साथ ही गोचरान भूमि पर से भी अवैध कब्जे हटवाएं जाएं ताकि चारे का स्थायी इंतजाम किया जा सकें.

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