48000 किसानो के खातों में गड़बड़ी, रोकी गई धान की पेमेंट

भिवानी । धान की फसल प्रदेश की अनाज मंडियों में बेचने वाले 48000 किसानों को उनकी पेमेंट नहीं मिली है. बता दें कि इन किसानों के खातों में कमी मिली है जिसके कारण इनके खातों तक पेमेंट नहीं पहुंच पाई है. अब इन किसानों को विभाग संपर्क कर जानकारी देगा. इसके लिए किसानों को दोबारा आवेदन कर सही खाता नंबर उपलब्ध करवाना होगा.

किसानों की तकरीबन 1500 करोड़ रुपए की राशि अटक गई है. बता दें कि यह राशि अब दिवाली के बाद ही मिल पायेगी. अब तक किसानों के खातों में विभाग द्वारा तकरीबन 9500 करोड रुपए की राशि डाली जा चुकी है. विभाग द्वारा यह जांच की जा रही है कि किन कारणों से खाते नहीं मिल पा रहे. अगर इस कार्य में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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आईएफएससी कोड का सही नहीं

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तकरीबन 48000 खातों में आईएफएससी कोड व खाता संख्या सही नहीं है. जिसके कारण किसानों को पैसे नहीं मिल पाए है. जिसकी वजह से किसानों का 1500 करोड रुपए खातो तक नहीं पहुंच पाया है. बता दे कि जब यह राशि डाली गई तो बाउंस हो गई, यह दिक्कत खाता मिस मैच होने की वजह से होती है.

7.5 लाख किसानो के बैंक में खाते

प्रदेश भर में अबकी बार 13.29 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई थी. इसमें आधे से अधिक क्षेत्र में मोटा धान था. इस साल तकरीबन 4 लाख किसानों द्वारा आढ़ती के जरिए राशि की मांग की गई है. जबकि 3.5 लाख किसानो ने सीधे बैंक के जरिये राशि की मांग की है. तकरीबन 7.50 लाख किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकरण करवाया है. इन सभी किसानों के खाते खोले गए हैं, लेकिन खातों में कमियां मिलने से दिक्कत आई है.

जिन किसानों ने आढ़तियों के जरिए राशि की मांग की है. अगर इन आढ़तियों ने किसानों को 3 दिन के अंदर पैसे नहीं दिए. तो ऐसे में आढ़तियों से इतने दिन का ब्याज वसुला जायेगा. पिछली बार भी गेहूं के सीजन में किसानों को ब्याज की राशि विभाग ने आढ़तियों से वसूल कर दी थी. धान बेच चुके तकरीबन 48000 किसानों के खातों में कमी मिली है. जिसके कारण उन को संदेश भेजकर सही खाता नंबर देने के लिए कहा जाएगा ताकि जल्द से जल्द उनके खातों मे  राशि भेजी जा सके.

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