गोलियों की आवाज से दहला भिवानी जिले का यह गांव, हत्या के गवाह पर ताबड़तोड़ फायरिंग

भिवानी | जिले के गांव बड़ेसरा में आरटीआइ एक्टिविस्ट बलजीत की हत्या के मामले में गवाह 40 वर्षीय राजकुमार पर पांच हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. हमलावर दो बाईकों पर सवार होकर आए थे. वारदात के वक्त राजकुमार अपने घर के बाहर बैठे हुए थे. जैसे ही बदमाशों ने फायरिंग शुरू की, राजकुमार की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग की. दोनों साइड से करीब 40 राउंड फायरिंग हुए लेकिन हमलावर फायरिंग करते हुए गांव से भैणी महाराजपुर की तरफ फरार हो गए. फायरिंग की आवाज सुनकर पूरे गांव में दहशत फैल गई.

Firing

घायल राजकुमार को तुरंत सामान्य अस्पताल भिवानी लें जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया. वहीं वारदात की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल गांव में पहुंचा. डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने हस्पताल पहुंचकर घायल वीरेंद्र से बातचीत करते हुए पूरे घटनाक्रम का मुआयना किया.

8 जुलाई 2017 को हुई थी आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या

पुलिस ने बताया कि 8 जुलाई 2017 को गांव के आरटीआई एक्टिविस्ट बलजीत व उसके परिवार के दो अन्य सदस्यों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. इस हत्याकांड के पीछे पूर्व सरपंच के परिवार का हाथ था और इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. उसके बाद दोनों परिवारों की खिंचतान बढ़ती चली गई और दो और लोगों की हत्या हुई. इसी मामले में प्रमुख गवाह राजकुमार घर के बाहर बैठा हुआ था और दो बाईकों पर सवार होकर आए बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.

पुलिस सुरक्षा के बावजूद भी गवाह पर हमला

प्रमुख गवाह और रंजिश के चलते पहले ही राजकुमार की सुरक्षा में पांच पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया हुआ था. गोलियों की आवाज सुनकर पुलिसकर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग की . लेकिन हमलावर महम की तरफ निकल गए. घटना की सूचना मिलते ही बवानीखेड़ा थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे.

पहले हो चुकी है पांच हत्याएं

मिली जानकारी के अनुसार आरटीआई एक्टिविस्ट स्वर्गीय बलजीत ने गांव के पूर्व सरपंच के खिलाफ दसवीं की मार्कशीट को लेकर आरटीआई लगाईं थी जहां जांच के दौरान वो मार्कशीट फर्जी पाई गई थी और सरपंच को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था. उसके बाद से ही सरपंच और बलजीत के परिवार में रंजिश बढ़ती चली गई. 2017 में पूर्व सरपंच ने बलजीत पर जानलेवा हमला करते हुए उसकी हत्या कर दी. उस हमले में घायल हुए बलजीत के पिता भले राम और महेंद्र की करीब छः महीने बाद मौत हो गई. इसी प्रकरण में राजकुमार अहम गवाह था जिस पर अब हमला किया था.

क्या कहती है पुलिस

भिवानी डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस हमलावरों की तलाश में छापेमारी कर रही है. पूरा मामला पुरानी रंजिश का है. इस मामले में 5 लोगों की पहले हत्या हो चुकी है. घायल राजकुमार का पुलिस सुरक्षा के बीच रोहतक पीजीआई में उपचार चल रहा है.

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