हरियाणा में अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर, 1500 कॉलोनी नियमित करने पर विचार कर रही सरकार

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार राज्य में अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास पर रोक लगाने जा रही है. अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए अब तक मिले सभी प्रस्तावों पर सरकार ही विचार करेगी. राज्य सरकार किसी भी नई अनियमित कॉलोनी को नियमित करने के प्रस्ताव पर विचार नहीं करेगी.

House Ghar Flat

1500 कॉलोनियों को नियमित करने पर विचार

सरकार को मिले प्रस्तावों की जांच के बाद उपायुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया धीरे- धीरे चल रही है. सरकार ने हाल ही में 131 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की मंजूरी दी है. हालांकि, करीब 1,500 कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है. प्रदेश की जनता को अवैध कॉलोनियों और प्लॉटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए सरकार ने रास्ता ढूंढ लिया है.

शहरी निकायों में दर्ज प्रॉपर्टी आईडी में वैध और अवैध का टैग लगा दिया गया है. जो कॉलोनियां अवैध हैं, स्वाभाविक रूप से वहां के प्लॉट या मकान भी अवैध हैं. राज्य सरकार की ओर से ऐसी संपत्तियों की आईडी तो बनाई गई है लेकिन उन पर अनाधिकृत का टैग लगा दिया गया है. इसी प्रकार जो कॉलोनियां नियमित हैं और वहां के भूखंड एवं मकान भी नियमित हैं, उन्हें वैध संपत्ति का टैग दिया गया है.

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने कही ये बात

प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का मानना ​​है कि जब भी कोई व्यक्ति शहरी स्थानीय निकायों के पोर्टल पर अपनी या किसी अन्य संपत्ति को देखना चाहेगा तो उसे सभी प्रकार की जानकारी मिलेगी और यह भी पता चल जाएगा कि संबंधित संपत्ति वैध है या अवैध. इससे वे गरीब लोग लुटने से बच सकेंगे जो सस्ते दामों के चक्कर में बिना सोचे- समझे विवादित और अवैध संपत्ति खरीद लेते हैं. बाद में उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

डॉ. कमल गुप्ता के मुताबिक, इस समय प्रदेश में 47 लाख 47 हजार 333 संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिन्हें लोग एक क्लिक पर देख सकते हैं. जनवरी 2023 से जुलाई 2023 तक नगरीय निकायों में 5 लाख 46 हजार 461 संपत्तियों की खामियों को सुधारने के लिए आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3 लाख 24 हजार 300 को दुरुस्त कर लिया गया. ऐसे लाखों एप्लिकेशन थे जो अनावश्यक थे और उन्हें ठीक करने की भी आवश्यकता नहीं थी. इन सभी को निरस्त करने के बाद अब नगरीय निकायों के पास केवल 54 हजार 960 आवेदन बचे हैं जिनका सुधार किया जा रहा है.

प्रॉपर्टी आईडी के बिना कोई सुविधा नहीं

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग का आदेश है कि जिन राज्यों में प्रॉपर्टी आईडी का काम पूरा नहीं होगा, उन्हें कोई मदद नहीं दी जाएगी. हरियाणा एक ऐसा राज्य बन गया है, जिसकी सभी प्रॉपर्टी आईडी बन चुकी हैं. उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी आईडी की जांच के बाद करदाताओं को सितंबर तक 15 फीसदी टैक्स छूट दी जाएगी.

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