हरियाणा में ई- टेंडरिंग को लेकर सीएम खट्टर का बड़ा ऐलान, पंच- सरपंचो की सैलरी बढ़ी

चंडीगढ़ | हरियाणा में ई- टेंडरिंग के मुद्दे पर सरपंच प्रतिनिधियों से बातचीत और हंगामे के बाद सीएम मनोहर लाल ने बड़ा ऐलान किया है. ई-टेंडरिंग में कार्य की जिम्मेदारी अधिकारी की होगी तथा कोटेशन के आधार पर किये जाने वाले कार्य की जिम्मेदारी सरपंच की होगी. ई- टेंडरिंग की सीमा अब 2 लाख रुपये के बजाय 5 लाख रुपये होगी यानी सरपंच अब 5 लाख रुपये तक के काम करा सकेंगे.

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इसके अलावा, 25 लाख तक के कार्य कोटेशन के आधार पर या छोटी पंचायत होने पर बजट का 50 प्रतिशत खर्च पंचायतें कर सकेंगी लेकिन हर कार्य का ऑडिट ऑनलाइन होगा. इसके लिए अधिकारियों के साथ सोशल ऑडिट सिस्टम बनाया जाएगा. सरपंच ग्राम सचिव की एसीआर पर टिप्पणी कर सकेंगे.

सरपंच के मानदेय में 2000 रुपये की वृद्धि

सीएम ने कहा कि सरपंचों का मानदेय 3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये और पंचों का मानदेय 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये किया गया है, जिसकी समीक्षा 2026 में की जाएगी. सीएम ने कहा कि एचएसआर और डीसी रेट के बीच समन्वय बनाया जाएगा. एचएसआर दर जिला स्तर पर तैयार और अधिसूचित की जाएगी. पंचायतों को बकाया सहित 2 प्रतिशत विद्युत कर (टैक्स) तथा 2 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देय होगा. अब तक 6217 पंचायतों में से 5,048 के प्रस्ताव आ चुके हैं. करीब 9,418 के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अब तक 1,044 के टेंडर अपलोड हो चुके हैं.

विकास के लिए 1100 करोड़ रुपये आवंटित

मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने गांव स्तर तक विकास के लिए कई कदम उठाए हैं. पारदर्शिता लाने के लिए सीओ जिला परिषद नियुक्त किया गया. साथ ही अंतरजिला परिषद समन्वय बनाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि जब से नई पंचायतों का चुनाव हुआ है. एक तिमाही के लिए 1,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. जिला परिषद को 110 करोड़, ग्राम पंचायत को 165 करोड़, पंचायतों को 850 करोड़ आवंटित हुए है.

हर जिले में बनाया जाएगा जिला परिषद सचिवालय

सीएम ने कहा कि सरकार ने हर जिले में जिला परिषद सचिवालय बनाने का निर्णय लिया है. काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की गई है. सार्वजनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ई- टेंडरिंग के माध्यम से कार्य की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की गई. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बयान को याद करते हुए कहा, पहले के प्रधानमंत्री कहते थे कि 1 रुपया भेजा जाए तो 15 पैसे पहुंच जाता है लेकिन अब 1 रुपया भेजने से आगे 1 रुपया ही पहुंचता है.

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