हरियाणा के सीएम मनोहर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का नाम बदला, इस वजह से लिया फैसला

चंडीगढ़ | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने राज्य सतर्कता ब्यूरो का नाम बदलने का फैसला किया है. अब स्टेट विजिलेंस की पहचान एंटी करप्शन ब्यूरो से की जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह फैसला जिला विजिलेंस ब्यूरो के डीआईजी व एसपी के साथ बैठक के बाद लिया है.

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राज्य सरकार की व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ब्यूरो को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. इसके तहत राज्य सरकार द्वारा ट्रैप मनी फंड बनाया गया है. इस कोष के माध्यम से सरकारी अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराने वाले पीड़ितों को ‘ट्रैप मनी’ से नहीं जूझना पड़ेगा. इसके लिए ब्यूरो की ओर से मदद मुहैया कराई जाएगी.

अब तक किया गया कार्य

सरकार ने ब्यूरो को मजबूत करने के लिए कई काम किए हैं, जिसमें 809 अतिरिक्त पद स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही सूचनाओं के रिसाव को रोकने के लिए स्वतंत्र गवाहों की नियुक्ति की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है. इसके साथ ही, 6 संभागीय सतर्कता ब्यूरो बनाए गए हैं. इसके अलावा, वर्ष 2023-2024 के लिए सतर्कता संबंधी पहलों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

भ्रष्टाचार विरोधी नाम अधिक प्रभावी

हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो का नाम बदलने के कुछ कारण है. इसका एक कारण यह है कि यह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार के प्रमुख वादों में से एक है. एंट्री करप्शन नाम इस कैंपेन में बिल्कुल फिट बैठता है. विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने हाल ही में मुख्यमंत्री के साथ बैठक में नाम बदलने का सुझाव दिया था.

हरियाणा में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक बड़ी पहल शुरू करने जा रही है. रिश्वत की मांग करने वाले सरकारी अधिकारियों को पकड़ने के लिए ‘ट्रैप मनी’ के रूप में 1 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड बनाया जाएगा. सरकार ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा.

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