ना सिले कपड़े पहनूंगा और ना पैरों में जूते डालूंगा, जानिए हरियाणा के विधायक ने क्यों पहन ली धोती

चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन सदन में भ्रष्टाचार को लेकर खूब हंगामा देखने को मिला. पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच भ्रष्टाचार को लेकर माहौल काफी गर्म हो गया. दोनों पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला चलता रहा लेकिन इसी बीच ना सिले कपड़े पहनूंगा और ना ही अपने पैरों में जूते डालूंगा, ये सौगंध खाकर हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के एक विधायक अचानक से सुर्खियों में छा गए.

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आपके मन में भी यह जानने को लेकर उत्सुकता हो रही होगी कि आखिर विधायक जी को ऐसी क्या सूझी कि उन्होंने ऐसी सौगंध खा ली. हम यहां बात कर रहे हैं एनआईटी फरीदाबाद से कांग्रेस पार्टी के विधायक नीरज शर्मा की, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा अनशन शुरू किया है.

जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, प्रण पर कायम रहूंगा

हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन विधायक नीरज शर्मा का पहनावा चर्चा का विषय बन गया. उन्होंने ऐलान किया कि जब तक सरकार भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं भेज देती, तब तक अपने प्रण पर कायम रहूंगा. मैं ना सिले हुए कपड़े पहनूंगा और ना पैरों में जूते डालूंगा. यह घोषणा करते हुए विधायक ने धोती पहन ली. कांग्रेस विधायक ने मनोहर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि फरीदाबाद नगर निगम में 2014 से अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.

धोती गमछा पहनकर सदन में पहुंचे नीरज शर्मा

नगर निगम ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक नीरज शर्मा धोती और सफेद गमछा ओढ़कर विधानसभा में पहुंचे. उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्ट्राचारी जेल की हवा नही खा लेते, तब तक वो अपने शरीर पर कोई सिला हुआ कपड़ा धारण नहीं करेंगे.

वहीं विधायक के इस पहनावे पर सीएम खट्टर ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे ऐसे ही नमूने की उम्मीद थी, जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा खड़ा हो गया. बढ़ते विवाद के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सीएम ने उन्हें नमूना नहीं बल्कि पहनावे को नमूना बताया है. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ कर ही दम लिया जाएगा.

फरीदाबाद नगर निगम में 180 करोड़ के घोटाले का मामला

फरीदाबाद नगर निगम पर आरोप है कि बिना काम किए 180 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. विधानसभा में शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि 5 जनवरी 2021 को इस मामले की जांच मुख्यमंत्री द्वारा विजिलेंस विभाग को सौंपी गई थी, जो पूरी हो गई है.

मंत्री ने नीरज शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विजिलेंस ब्यूरो ने फरीदाबाद नगर निगम के दो चीफ इंजिनियर, जॉइंट कमिश्नर (ऑडिट), लेखाधिकारी और ठेकेदार समेत 10 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कागजों में हेराफेरी की एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है. इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने का भी उन्होंने भरोसा दिया है.

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