IPS अधिकारियों में बढ़ा विवाद, हरियाणा गृहमंत्री विज की बैठक में नहीं बुलाए गए एडीजीपी

चंडीगढ़ । हरियाणा राज्य में आईपीएस अधिकारियों की नोकझोंक इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हरियाणा के गृह मंत्री को अंधेरे में रखा गया. गृह मंत्री अनिल विज की पहली क्राइम मीटिंग कुछ दिनों पहले चंडीगढ़ में आयोजित की गई. इस मीटिंग में अपने ही विभाग की पोल पट्टी उजागर करने वाले एडीजीपी श्रीकांत जाधव को मीटिंग की सभी जानकारियों से विमुख रखा गया. मीटिंग के पश्चात जब नशीले पदार्थों के साथ मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने श्रीकांत जाधव के चुनावी ड्यूटी पर बंगाल में होने की बात बताई. लेकिन जाधव बंगाल में चुनाव ड्यूटी पर नहीं थे.

ANIL VIJ POLICE MEETING

इसके बाद गृह मंत्री अनिल विज को जानकारी हुई कि मीटिंग के बारे में एडीजीपी श्रीकांत जाधव को कोई सूचना नहीं दी गई थी. इससे पहले भी एक बार एडीजीपी श्रीकांत जाधव को वेलफेयर मीटिंग से दूर रखा गया था. इसके संबंध में एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने हरियाणा के गृह सचिव को पत्र लिखा है और उन्हें जानकारी दी है कि किस प्रकार उन्हें वेलफेयर मीटिंग से दूर रखा गया था.

आपको बता दें कि एडीजीपी श्रीकांत जाधव द्वारा हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो संसाधनों की मांग की थी. इसके साथ ही श्रीकांत जाधव ने कहा था कि वर्तमान में अधूरे संसाधन उपलब्ध है. इस मामले में डीजीपी मनोज यादव ने अनिल विज को अपना पक्ष भी भेज दिया, जिन्होंने इस पर हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा से टिप्पणी की मांग की है. आपको बता दें कि हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन 10 महीने पहले किया गया था.

हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में संसाधनों के संबंध में पुलिस महानिदेशक मनोज यादव और एडीजीपी श्रीकांत जाधव के बीच लगभग 80 बार पत्राचार हुआ. 17 अगस्त 2020 को डीजीपी मनोज यादव के व्हाट्सएप पर 9 मैसेज किए गए, जिस पर कोई अमल नहीं किया गया. हरियाणा के 17 जिलों में हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के यूनिट खुल पाए हैं. इस संबंध में जानकारी दी गई है कि 380 पदों पर केवल 66 पदों को ही भरा गया है और 314 पद अभी भी खाली हैं. इस संबंध में गृह मंत्री अनिल विज ने डीजीपी से जवाब मांगा था जो डीजीपी ने भेज दिया है.

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