हरियाणा में मुश्किलों भरें 2 दिन, इन मुद्दों को लेकर लाखों कर्मचारी हड़ताल पर

चंडीगढ़ ।  केन्द्र व राज्य सरकार की कर्मचारी व मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर हरियाणा के कर्मचारियों व मजदूरों ने 28 व 29 मार्च को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए इसमें शामिल होने का निर्णय लिया है. पुरानी पेंशन योजना लागू करने, खाली पदों पर भर्तियां, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, लिपिकों के वेतन में वृद्धि आदि मांगों को लेकर यह दो दिवसीय हड़ताल हो रही है. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल को लेकर सभी यूनियनों ने तैयारियां पूरी कर ली है.

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उन्होंने बताया कि निजीकरण के विरोध में इस हड़ताल का आह्वान सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, एआइयूटीयूसी सहित देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन ने संयुक्त रूप से किया है. लांबा ने बताया कि हरियाणा में भी सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्य के सभी बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं, विश्वविद्यालयों व पंचायत राज संस्थाओं में कार्यरत लाखों कर्मचारी हड़ताल में शामिल होकर सरकार की दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध करेंगे.

सुभाष लांबा ने अपनी प्रमुख मांगों के जिक्र में बताया कि छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों की बहाली व ग्रुप डी से ग्रुप सी में पदोन्नति कोटा बढ़ाकर 50% करने तथा उसकी समयावधि घटाकर दो साल करने जैसी मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नीतिगत निर्णय के तहत सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आमजन को मद्देनजर रखते हुए आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं करने का फैसला किया है. बिजली की बड़ी लाइनों की ब्रेकडाउन होने पर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहते हुए बिजली आपूर्ति बहाल करने की हरसंभव कोशिश करेंगे.

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