हरियाणा में धान की बुआई न करने वाले किसानों को मिलेंगे 7 हजार रुपए प्रति एकड़, खाली छोड़ा खेत तो भी मिलेगी राशि

चंडीगढ़ | हरियाणा में किसान अपने खेत में धान की जगह अन्य फसलों की बुआई करेंगे तो सरकार उन्हें 7,000 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. खेत में अगर किसान किसी भी फसल की बुआई नहीं करेंगे या खेत को खाली छोड़ देंगे तो भी सरकार किसानों को यह प्रोत्साहन राशि देगी लेकिन सरकार की शर्त है कि जिन्होंने पिछले साल धान के रकबे के 50 फीसदी या इससे ज्यादा रकबे में फसल विविधीकरण को अपनाया है, वे ही किसान इस योजना के लाभार्थी होंगे. बता दें यह योजना पूरे हरियाणा के लिए है.

peddy dhan

रेवाड़ी जिले में हर साल करीब 3 हजार एकड़ भूमि में धान की बुआई की जाती है. इसके लिए किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है. बता दें योजनांतर्गत अभी तक 15 से ज्यादा किसान आवेदन कर चुके हैं. जिलेभर में जल का अधिक उपयोग करने के कारण उसका स्तर लगातार गिर रहा है, जिसकी वजह से सरकार जल संरक्षण की ओर कदम उठा रही है.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, भूमिगत जल का स्तर खोल में 400- 500 फीट, डहीना में 350- 450 फीट तथा बावल में 150- 200 फीट के बीच पहुंच गया है. जिसके कारण इन तीनों क्षेत्रों को विभाग की ओर से डार्क जोन में शामिल किया गया है.

जल संरक्षण के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

इसके साथ ही, जिले में अन्य क्षेत्रों का भी जल स्तर लगातार गिर रहा है. जिसके कारण सरकार जल संरक्षण की ओर कदम उठा रही है. फसलों में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता धान की फसल को पड़ती है, जिसकी वजह से सरकार की ओर से किसानों को धान की बुआई न करने पर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इसके लिए किसानों को विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर आवेदन करना होगा.

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लिए पात्रता

इस योजना के तहत, आवेदन करने के लिए किसान हरियाणा राज्य का मूल निवासी होना चाहिए और उसके पास मूल पहचान प्रमाण पत्र होना चाहिए. हरियाणा सरकार की ओर से 10 एकड़ से ज्यादा भूमि का आवेदन करने वाले किसान लाभार्थी नहीं होंगे. मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा तथा अपने आवेदन फॉर्म के साथ विभिन्न प्रकार के दस्तावेज भी जमा करने होंगे. किसान योजना का लाभ लेने के लिए धान की जगह मक्का, अरहर, उड़द, ग्वार, कपास, बाजरा, तिल व अन्य फसलों की बुआई कर सकते हैं.

आवेदन के लिए इन दस्तावेजों की होगी जरूरत

  • आधार कार्ड
  • पहचान पत्र
  • बैंक अकाउंट पासबुक
  • कृषि योग्य भूमि के कागजात मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो

31 जुलाई तक किसान कर सकते हैं आवेदन

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लिए किसान 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इसमें जल संरक्षण के लिए जो किसान धान की खेती नहीं करेंगे उनको विभाग की ओर से 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी डॉ. अनिल यादव, खंड कृषि अधिकारी, रेवाड़ी

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