हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार 4 से 17 दिसंबर के बीच होने की संभावना, सीएम जल्द ले सकते हैं फैसला

चंडीगढ़ | हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तेज हो गई है. मुख्यमंत्री 4 दिसंबर के बाद और 17 दिसंबर से पहले कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं. मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा काफी ज्यादा चल रही है. ऐसे में मंत्री पद की चाह रखने वाले विधायक अपनी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं.

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आपको बता दें कि हरियाणा सरकार में वर्तमान समय में डिप्टी सीएम के सहित 11 मंत्री हैं. जिनमें से 8 भाजपा, एक निर्दलीय और दो सहयोगी पार्टी जजपा से है. अब दो मंत्री और बनाए जाने हैं जिनमें से एक भाजपा तो एक जज्बा कोटा से बनानी है हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल बार-बार सस्पेंस बने रहने की बात दोहरा रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि सीएम को पीएम से मंत्रिमंडल विस्तार करने की अनुमति मिल चुकी है. लेकिन मुख्यमंत्री इसके लिए उपयुक्त समय का इंतजार कर रहे हैं. वहीं किसान आंदोलन खत्म होने की कगार पर है 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है जिसके बाद मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी कर सकते हैं. इसी महीने में 17 दिसंबर से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने बाला है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले किए जाने की है.

चार से पांच वर्तमान मंत्रियों की परफॉर्मेंस खराब है

हरियाणा के 4 से 5 मंत्रियों की परफारमेंस बढ़िया नहीं है. जिसके कारण ऐसी संभावनाएं भी है कि मौजूदा मंत्रियों के पद भी जा सकते हैं.  मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार करते समय जातिगत और क्षेत्र का भी ध्यान रखेंगे.  फिलहाल सोनीपत और रोहतक लोकसभा क्षेत्र से सरकार में कोई मंत्री नहीं है. जिसके कारण ऐसी संभावनाएं हैं की सरकार इस बार यहां के भाजपा विधायक को मंत्री पद दे सकती हैं. भाजपा सरकार में बनिया समुदाय से कोई मंत्री नहीं है. हालांकि पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष पद दिया हुआ है. परंतु उनकी इच्छा भी मंत्री पद की है. भाजपा में वैश्य समाज से आठ विधायक है।

जजपा पार्टी से मंत्री पद के दावेदार ज्यादा है

भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा के दस विधायक है. दस विधायकों में से जाट, दलित और एक ब्राह्मण है. रामकुमार गौतम की पार्टी हाईकमान से नाराजगी चल रही है ऐसे में उनके नाम पर मंथन हो ही नहीं सकता है. दलित कोटे से मंत्री अनूप के स्थान पर शाहबाद के विधायक रामकरण को मंत्री पद दिया जा सकता है. टोहाना के जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली भी दावेदार हैं. उन्होंने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को हराया था. देवेंद्र बबली जाट समुदाय से हैं. जाट समाज से ही बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग और जुलाना के विधायक अमरजीत ढांडा भी है. सरकार किस को मंत्री पद देती है. इसकी स्पष्ट जानकारी तो मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद ही पता चल सकती है.

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