गुरुग्राम हादसे के बाद जागी सरकार, बहुमंजिला इमारतों में घटिया निर्माण सामग्री की जांच के लिए उठाया यह कदम

चंडीगढ़ । गुरुग्राम की चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी हादसे की गूंज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में भी सुनाई दी. इस हादसे के बाद राज्य सरकार को 64 बहुमंजिली इमारतों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की शिकायतें मिली हैं. इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें 58 गुरुग्राम से है जबकि झज्जर से 3, फरीदाबाद से 2 और सोनीपत से एक शिकायत सामने आई है.

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IIT रूड़की के विशेषज्ञ करेंगे गुरुग्राम की पांच परियोजनाओं का स्ट्रक्चरल आडिट

राज्य सरकार ने इन शिकायतों के निपटारे के लिए गुरुग्राम में अतिरिक्त जिलाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी दिल्ली IIT के एक्सपर्ट के साथ समन्वय कर गुरुग्राम हादसे के मूल कारणों का पता लगाएगी. इसके अलावा भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा घटित न हो, इसके लिए सुरक्षा उपायों के सुझाव भी देगी. कमेटी तीन माह में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. सरकार गुरुग्राम की पांच साेसायटी का स्ट्रक्चरल आडिट भी कराएगी. इसकी जिम्मेदारी भी IIT रूड़की के एक्सपर्ट्स पैनल को दी गई है.

हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 में किया जाए बदलाव

बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने विधानसभा में कहा कि चिंटेल्स सोसायटी उनके विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है. हादसे की रात वह मौके पर मौजूद थे. सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 के अंतर्गत आडिट का प्रविधान नहीं है. यदि सरकार किसी तरह का आडिट कराती भी है तो कोर्ट में यह कहीं नहीं ठहरेगा.

विधायक दौलताबाद ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरत कंपलीशन के बाद स्ट्रक्चरल आडिट के लिए हरियाणा भवन निर्माण कोड-2017 में संशोधन करने की है. बीआर-फाइव फार्म में एक बार ही इंजीनियर के साइन होते हैं. उसके बाद बिल्डर अपने हिसाब से निर्माण करता रहता है, क्योंकि आडिट हो नहीं सकता. उन्होंने कहा कि IIT से पूरे हरियाणा के लिए एक कुटेशन मांग ली जानी चाहिए, ताकि बिल्डर्स को भी अधिक खर्च वहन नहीं करना पड़े.

28 सोसायटी में बिना कंपलीशन के रह रहे लोग

गुरुग्राम हादसे के बाद सरकार ने राज्य की समस्त बहुमंजिला इमारतों के बारे में जमीनी रिपोर्ट ली तो सबसे चौंकाने वाले तथ्य यह सामने आए हैं कि चार शहरों की 28 सोसायटी में लोग बिना कंपलीशन के रह रहे हैं. इनमें 17 गुरुग्राम, सात फरीदाबाद, दो रेवाड़ी और दो सोनीपत में हैं. इन सोसायटी में बिना कंपलीशन के लोग कैसे रहने लगे, इसकी विस्तृत जांच के आदेश भी सरकार ने दिए हैं.

कंपलीशन के बाद होते हैं अवैध निर्माण

NIT फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने सदन में कहा कि बहुमंजिला इमारतों के कंपलीशन में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है. कंपलीशन के बाद भी बहुमंजिला इमारतों में अवैध निर्माण होते हैं और इनके ऊपर कोई जांच नहीं की जाती है. यदि बहुमंजिला इमारतों की कंपलीशन के बाद जांच की जाए तो यह पाया जाएगा कि वाणिज्यिक भवनों का अतिरिक्त निर्माण कर दिया गया है.

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