ब्लैक फंगस: दवा के लिए हरियाणा के मरीज केंद्र पर निर्भर, 15 हज़ार ऑर्डर लेने वाली कंपनी ने सप्लाई देने से कर दिए हाथ खड़े

चंडीगढ़ | ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हरियाणा सरकार की तैयारियों को बड़ा झटका लगा है. फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की सप्लाई के लिए जिस कंपनी को ऑर्डर दिया था, उसने अब सप्लाई करने से इंकार कर दिया है. कंपनी के आवेदन से स्थिति सुधरने की जो उम्मीद बनी थी, वह अब टूट गई है. दरअसल स्वास्थ्य विभाग के ग्लोबल टेंडर के जरिए 15000 इंजेक्शन का आर्डर दिया था. सूत्रों के अनुसार जिस कंपनी ने सप्लाई के लिए आवेदन किया था वह उसने कह दिया है कि केंद्र के नियमानुसार उसे ही इंजेक्शन सप्लाई करेगी.

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ऐसे में अब हरियाणा सरकार इंजेक्शन के लिए केंद्र पर आश्रित है. प्रदेश सरकार भी असहाय जैसी स्थिति में है. फिलहाल देश में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन बहुत कम संख्या में हो रहा है, इसीलिए केंद्र ने इंजेक्शन का अलॉटमेंट अपने अधीन किया हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कंपनी ने अब इंजेक्शन सप्लाई के लिए इंकार किया है. यदि वह पहले ही मना कर देती तो इतने दिनों में कोई दूसरा विकल्प तलाश किया जाता.

प्रदेश में 925 मरीज अस्पतालों में भर्ती है. इनमें रोहतक व हिसार में ही 500 से ज्यादा मरीज हैं. इस वक्त सबसे ज्यादा रोहतक में 300 और हिसार में 201 मरीजों का इलाज चल रहा है. इसी प्रकार गुड़गांव में 187, पानीपत में 58, फरीदाबाद में 46, करनाल में 38, नूंह में 33, सिरसा में 17 और सोनीपत में 10 मरीजों का इलाज चल रहा है. बाकी अन्य जिलों में भर्ती हैं.

प्रदेश में फंगस से अब तक 124 मरीजों की जान जा चुकी है. वहीं, फंगस के कुल मरीजों 1273 हो गए हैं. इंजेक्शन की कमी बनी हुई है. एक मरीज को दिन भर में जरूरत के चार की बजाए एक बड़ी मुश्किल से मिल रहा है. रोहतक PGI ने 14 हजार इंजेक्शन की डिमांड भेजी थी, लेकिन अब तक 3800 ही मिल पए है. साथ ही पोसाकोनाजोल की 170 टेबलेट की सप्लाई PGI को मिल चुकी हैं.

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