हरियाणा में अब कम आय वालों के मकान होंगे महंगे, कुंवारों को मिलेगी पेंशन; जानिए कैबिनेट बैठक के अन्य फैसले

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किफायती आवास योजना के अंतर्गत घरों की कीमतों में वृद्धि कर दी है. इससे प्रदेश सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस के लोगों को दिए जाने वाले सस्ते मकान अब महंगे हो जाएंगे. दरअसल, हरियाणा कैबिनेट ने शनिवार को किफायती आवास नीति में संशोधन करने की मंजूरी प्रदान कर दी है. हरियाणा में एजीएच योजना के तहत, अपार्टमेंट इकाइयों के लिए आवंटन दरों में पिछली दरों से लगभग 20 फीसद की वृद्धि की है.

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इसके तहत, हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकुला, पिंजौर- कालका) के लिए निर्धारित दरों में कॉरपेट एरिया पर 800 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है.

इसके साथ ही, इन शहरों में अब कॉरपेट एरिया के आधार पर आवंटन दर 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की हो जाएगी. वहीं, उच्च और मध्यम क्षमता वाले शहरों के लिए कॉरपेट एरिया में 700 रुपये प्रति वर्ग फीट की वृद्धि की है. इससे अब अधिकतम आवंटन दर 4,500 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गयी है. यह दर पहले 3,800 रुपये प्रति वर्ग फीट थी.

इसके अलावा, शहरों के कॉरपेट एरिया पर 600 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है. अब कॉरपेट एरिया के आधार पर अधिकतम आवंटन दर 3,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है जो पहले 3,200 रुपये प्रति वर्ग फुट थी.

जरूरतमंद को छत प्रदान करने के लिए चलाई थी योजना

कैबिनेट संशोधन के बाद बालकनी की दरों में भी 200 रुपये प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है. जिससे अब नई कीमतें 1,200 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई हैं जो पहले 1,000 रुपये प्रति वर्ग फीट थी. यह दरें उन सभी लाइसेंसों पर लागू होंगी, जिनका आवंटन होना अभी बाकी है. किफायती आवास नीति को विभाग द्वारा 19 अगस्त 2013 को अधिसूचित किया गया था. इस नीति का उद्देश्य किफायती समूह आवास परियोजनाओं को बढ़ावा देना था ताकि जरूरतमंदों को सरकार द्वारा छत दी जा सके.

लंबे समय से मांग कर रहे थे बिल्डर्स

सरकार के निर्देश पर बिल्डर्स द्वारा किफायती फ्लैटों का निर्माण कराया जाता है. निर्माण पूरा होने के बाद सरकार कम आय वर्ग के पात्रों को मकान की चाबियां सौंपती है लेकिन निर्माण लागत बढ़ने के कारण बिल्डर फ्लैट बनाने में रुचि नहीं दिखा रहे थे. बिल्डर्स लंबे समय से दरें बढ़ाने की मांग कर रहे थे.

कुंवारों को पेंशन देने की योजना लागू

इस दौरान बैठक में विधुर और अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की मंजूरी दे दी गई है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत, 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2,750 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रूपये से कम होनी चाहिए. इसके अलावा, वे विधुर जिनकी आयु 40 वर्ष हो चुकी है और वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होगी, वे भी पेंशन लाभ के पात्र होंगे. यह योजना 1 जुलाई 2023 से लागू होगी.

मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप का किया जाएगा विस्तार

हरियाणा कैबिनेट की इस बैठक में गुरुग्राम की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गांवों की राजस्व संपदा में मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप के विस्तार के लिए नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023 को मंजूरी दे दी गई है. इस नीति का उद्देश्य विकास को गति देना और भूमि मालिकों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाना है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उचित लाभ मिले जो भूमि मालिक नो लिटिगेशन पॉलिसी 2023 के तहत विकल्प नहीं चुनते हैं. वे भूमि मालिकों के लिए पुनर्वास और और भूमि अधिग्रहण विस्थापित नीति के तहत लाभ के पात्र होंगे.

प्रदेश सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप एक्सटेंशन के विकास के उद्देश्य से 10 जनवरी 2011 को गुरुग्राम की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गांवों में लगभग 1810 एकड़ भूमि अधिसूचित की थी लेकिन भूमि मालिकों का अधिग्रहण 2011 में शुरू हुआ था. इसके बाद, प्रभावित भू- स्वामियों की सरकार से बातचीत के बाद पुनर्वास के लिए एक विशिष्ट नीति बनाई गई है.

नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023 के मुताबिक, 1 एकड़ जमीन के बदले 1000 वर्ग मीटर विकसित जमीन दी जाएगी. भूमि मालिकों को इसकी अधिसूचना और पोर्टल लॉन्च से 6 महीने की अवधि के भीतर योजना का विकल्प चुनने का अधिकार होगा. भूमि मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिए 3 महीने की अवधि के भीतर भूमि मालिकों के आवंटन हिस्से के आधार पर आवासीय या औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का आश्वासन देते हुए भूमि पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर सकता है.

भूमि मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र का व्यापार, खरीद या बिक्री करने की स्वतंत्रता होगी. इसका मतलब यह है कि भूमि मालिक खुले बाजार में प्रमाणपत्र का मुद्रीकरण कर सकता है या इसे HSIDC को वापस बेच सकता है. इस प्रमाणपत्र को किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में स्थानांतरित या गिरवी रखा जा सकता है.

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