बच्चों के रोल मॉडल विकास दिव्यकीर्ति को UPSC में मिली थी कौन सी रैंक, जानें दिए थे कितने अटेम्प्ट

नई दिल्ली | विकास दिव्यकीर्ति सर को कौन नहीं जानता. विकास दिव्यकीर्ति यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा (UPSC) के लिए बच्चों को पढ़ाते हैं. यूपीएसई सीएसई की तैयारी करने वालों के लिए विकास दिव्यकीर्ति जाना- पहचाना नाम है. इस एग्जाम की तैयारी कर रहा हर स्टूडेंट इनके बारे में अवश्य जानता होगा. यूपीएससी परीक्षा देने वाले हजारों बच्चे विकास सर को अपना रोल मॉडल मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय विकास दिव्यकीर्ति ने भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी.

Vikas Divyakirti

साल 1996 में शुरू की यूपीएससी की तैयारी

बता दें कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने भी यूपीएसई सीएसई की परीक्षा दी है और उनका इसमें सिलेक्शन भी हुआ था. साल 1996 में विकास दिव्यकीर्ति ने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया था. पहले अटेंप्ट में उन्होंने हिस्ट्री को ऑप्शनल सब्जेक्ट लेकर फॉर्म भरा था, लेकिन दोबारा फॉर्म भरकर सोशियोलॉजी को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट बना लिया था.

पहले अटेम्प्ट में मिली 384वीं रैंक

पहले ही अटेंप्ट में उनके प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों हो गए. पहले अटेंप्ट में उनकी 384वीं रैंक आई थी और उन्हें CISF में असिस्टेंट कमांडेंट की पोस्ट मिली थी, लेकिन मेडिकली अनफिट होने क़े कारण उन्हें सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस ऑफर हुई. दूसरे अटेंप्ट में उनका मेंस क्लियर नहीं हुआ और तीसरे अटेंप्ट में वो इंटरव्यू तक तो गए, लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं हुआ. फिर जून 1999 में उन्होंने सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस जॉइन कर ली.

फिर छोड़ी नौकरी

यहाँ उन्हें राजभाषा विभाग में डेस्क ऑफिसर का पद दिया गया, लेकिन उन्होंने 4- 5 महीने में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विकास दिव्यकीर्ति ने अपना लास्ट अटेंप्ट साल 2003 में दिया. इस अटेप्ट में भी उनका फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया. इस्तीफा देने के बाद से ही विकास दिव्यकीर्ति ने पढ़ाना शुरू कर दिया था. आज बहुत से बच्चे उनके पास यूपीएससी की तैयारी करने जाते हैं.

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