HBSE: दसवीं को ना पढ़ाने वाले 200 शिक्षकों ने ही चेक कर डाली 18000 कॉपियां, मचा हड़कंप

रोहतक | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) द्वारा दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की चेकिंग का काम करवाया जा रहा है, लेकिन अब दसवीं कक्षा की परीक्षा देने वाले 3 लाख 3 हजार 869 विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की मार्किंग में बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, दसवीं के पेपर को चेक करने में उन 200 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जिन्होंने 3 साल से दसवीं कक्षा को पढ़ाया ही नहीं है. इन्होंने 18,000 कॉपियां चेक भी कर डाली है. अब उन शिक्षकों को बोर्ड द्वारा हटा दिया गया है.

Haryana Board

6000 शिक्षकों की लगाई गई ड्यूटी

बता दें कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से 71 केंद्र निर्धारित किए गए हैं, जिन पर दसवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की चेकिंग का काम किया जा रहा है. इन पर 6,000 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. हर केंद्र में 80 से 100 शिक्षक कॉपी जाँचने का काम कर रहे हैं. एक शिक्षक दिन भर में 30 कॉपियां चेक करता है. साथ ही, हेड एग्जामिनर भी प्रतिदिन 30 कॉपियों को रिचेक करता है.

स्कूलों की तरफ से भेजा गया था डाटा

दसवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को चेक करने से पहले शिक्षा बोर्ड द्वारा पोर्टल पर शिक्षकों का डाटा मांगा गया था. स्कूलों द्वारा शिक्षकों के अनुभव की जानकारी देते हुए डाटा बोर्ड को भेज दिया गया था, लेकिन स्कूलों ने यह जानकारी नहीं दी कि ये शिक्षक दसवीं कक्षा को कितने सालों से नहीं पढ़ा रहे हैं. शिक्षा बोर्ड द्वारा उनकी ड्यूटी भी लगा दी गई. जब बाद में बोर्ड के संज्ञान में यह बात आई, तो ऐसे 200 शिक्षकों को कॉपी चेक करने के काम से हटा दिया गया.

दोबारा नहीं जांची जाएंगी कॉपियां

इस बारे में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीपी यादव का कहना है कि 71 केंद्रों पर दसवीं की बोर्ड की कॉपी जांचने का काम किया जा रहा है. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी कि शिक्षकों ने दसवीं में पढ़ाया है या नहीं. ऐसे शिक्षकों द्वारा करीब 18,000 कॉपियां चेक की गई हैं. इन कॉपियों को आंसर की से जाँचा जा रहा है. दोबारा जांचने की जरूरत नहीं है.

क्या कहते हैं नियम?

दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की कॉपी चेक करने के लिए नियम यह है कि अगर टीजीटी शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाती है, तो उस शिक्षक को 3 साल तक दसवीं में पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए. हालांकि, अबकि बार कॉपी चेक करने के लिए ऐसे शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई, जिन्होंने दसवीं में कभी पढ़ाया ही नहीं है.

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