सरसों के बाद गेहूं की बिक्री को लेकर भी किसानों ने मंडियों से बनाई दूरी, यह है बड़ी वजह

चंडीगढ़ । हरियाणा के किसानों को इस बार सरसों व गेहूं का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी से कही अधिक मिल रहा है जिसके चलते किसान खुश नजर आ रहे हैं. सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने पर सरकार खरीद के लिए तैयार बैठी थी लेकिन सरसों एमएसपी से 1500 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक अधिक बिका जिसके चलते सरकार सरसों का इंतजार करती ही रह गई.

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जहां सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा 5050 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था तो वही गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है लेकिन गेहूं भी एमएसपी से 30 से 50 रुपए प्रति क्विंटल तक ज्यादा बिक रही हैं. निजी कंपनियां सरकार से सीधे गेहूं खरीद रही है.

गेहूं के भाव में तेजी के पीछे रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि रूस दुनिया का सबसे बड़ा और यूक्रेन तीसरा बड़ा गेहूं निर्यातक देश है. 2021-22 के दौरान रूस से 3.5 करोड़ टन और यूक्रेन से 2.4 करोड़ टन निर्यात होने का अनुमान था तो ऐसे में दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग की वजह से आपूर्ति बाधित हो गई है. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आ रहा है.

यही एक प्रमुख वजह है कि अन्य देश भारत से गेहूं की मांग कर रहे हैं. अनुमान है कि इस बार देश में 70 लाख मीट्रिक टन तक गेहूं का निर्यात हो सकता है. अकेले मार्च में 7.85 लाख एमटी निर्यात किया जा चुका है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार 1122 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हो सकता हैं और इसमें से 90 लाख मीट्रिक टन मंडियों में आ सकता है. कैथल, करनाल, अंबाला समेत हरियाणा के अन्य जिलों की मंडियों में व्यापारी या फिर निजी कंपनियों द्वारा सीधे किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है.

410 खरीद केंद्र

हरियाणा सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद के लिए एक अप्रैल से 15 मई तक का समय निर्धारित किया हुआ है. पूरे प्रदेश में 410 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए हैं और किसानों को उनकी फसल के भुगतान का 72 घंटे में अकाउंट में जमा करना सुनिश्चित किया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल तक अब तक 2.77 लाख एमटी गेहूं की खरीद हो चुकी है.

बढ़ सकते हैं तेल और आटे के दाम

सरसों और गेहूं की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बिकना सीधे-सीधे सरसों के तेल और गेहूं के आटे पर असर देखने को मिलेगा. इस समय सरसों का तेल 200 रुपये प्रति लीटर और आटा 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में इसकी कीमतों में और उछाल देखने को मिलेगा.

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