हरियाणा के निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण का मामला, अब हाईकोर्ट में इस दिन होगी सुनवाई

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार के निजी क्षेत्र में स्थानीय निवासियों को 75 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को मामले की अगली सुनवाई के लिए सात मार्च का समय दिया है। 17 मार्च तक इस मामले की सुनवाई खत्म होने की संभावना है. आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करने के लिए पंजाब एव हरियाणा हाईकोर्ट को 4 हफ्ते का समय दिया है.

Punjab and Haryana High Court

बता दें कि इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने पर हरियाणा सरकार के कानून पर रोक लगाने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को एक महीने के भीतर इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए कहा था और राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह फिलहाल नियोक्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे. 3 फरवरी को पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के निवासियों को हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी थी.

फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन और अन्य ने हाईकोर्ट को बताया था कि निजी क्षेत्र में योग्यता और कौशल के आधार पर लोगों का चयन किया जाता है. अगर नियोक्ता से कर्मचारी चुनने का अधिकार छीन लिया जाएगा तो उद्योग कैसे आगे बढ़ेगा.हरियाणा सरकार का 75 प्रतिशत आरक्षण का फैसला योग्य लोगों के साथ अन्याय है. यह कानून उन युवाओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपनी शिक्षा और योग्यता के आधार पर भारत के किसी भी हिस्से में काम करने के लिए स्वतंत्र हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि यह कानून योग्यता के स्थान पर आवास के आधार पर निजी क्षेत्र में नौकरी पाने की व्यवस्था शुरू करने का प्रयास है. ऐसा हुआ तो निजी क्षेत्र में रोजगार को लेकर हरियाणा में अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी.

इसके बाद हरियाणा सरकार ने 4 फरवरी को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हरियाणा सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की थी. सॉलिसिटर जनरल ने सीजेआई एनवी रमन की पीठ के समक्ष याचिका का हवाला देते हुए इसे तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 90 सेकेंड तक मेरी बात सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए वैधानिक अधिनियम पर रोक लगा दी. आने वाले समय में इस मामले को लेकर क्या फैसला आता है 17 मार्च तक यह कंफर्म हो जाएगा.

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