हरियाणा में सबसे बड़ी जंगल सफारी विकसित करने का काम शुरू, हजारों लोगों के लिए बनेंगे रोजगार के अवसर

चंडीगढ़ | हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह में अरावली पहाड़ियों की तलहटी में प्रस्तावित दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी को लेकर प्रकिया शुरू हो गई है. शुक्रवार को बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम और नूंह में 10 हजार एकड़ जमीन पर अरावली सफारी पार्क विकसित किया जाएगा. इस संबंध में निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध किया गया है.

Jangal Safari Forest

हजारों लोगों के लिए बनेंगे रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने प्रस्तुत करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली है. उन्होंने बताया कि अरावली पहाड़ियों की तलहटी में जंगल सफारी विकसित होने से न केवल इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित रखने में मदद के साथ ही, हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इसे तीन चरणों में विकसित किया जाएगा. पहले चरण को पूरा करने के लिए लगभग 2 साल का लक्ष्य निर्धारित किया है. जैव विविधता पार्क अवधारणा के अनुरूप एक सफारी पार्क विकसित करने के विकास के लिए डिजाइन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए दो चरण की निविदा प्रक्रिया अपनाई गई हैं.

कई वन्यजीव देंगे दिखाई

बजट भाषण में उन्होंने बताया कि इस जंगल सफारी में सभी प्रकार के जानवर और पक्षियों की प्रजातियां लाने का प्रयास रहेगा. वन्यजीवों की स्वदेशी प्रजातियों के अलावा हमारी जलवायु में रह सकने वाले विदेशी जानवरों पर भी अध्ययन किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि सुल्तानपुर झील की तरह माइग्रेटिड बर्ड के लिए झील की व्यवस्था हो, इस पर भी चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जंगल सफारी पार्क विलुप्त होती प्रजातियों को संरक्षित कर बचाने का भी केंद्र होते हैं.

नीदरलैंड की कंपनी ने दिया प्रस्तुतिकरण

जंगल सफारी को लेकर बीते साल विदेशी फर्म के कंसलटेंट नीदरलैंड के एलेक्जेंडर काओराड बरोवर, गोंजालो फरनांडिज होयो, सौरव भयैक ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया था. परियोजना में बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र होगा और साथ ही, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स, विजिटर, टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन, बायोमेस, इक्वाटोरियल, ट्रॉपिकल, कोस्टल, डेजर्ट होंगे.

अरावली में 180 प्रजातियों के पक्षी

बता दें कि अरावली पर्वत शृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है, जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. कुछ सालों पहले हुए सर्वे के अनुसार, अरावली में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स अर्थात जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 और तितलियों की 57 प्रजातियां मौजूद हैं.

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