हरियाणा के लाल मोहित सांगवान को मिलेगा वीरता पुरस्कार, अब चौथी पीढ़ी निभा रही देशसेवा की परम्परा

चरखी दादरी | हरियाणा में एक कहावत बेहद ही प्रचलित है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है, चरखी दादरी जिले के लाल मोहित सांगवान (Mohit Sangwan) ने जिन्हें वीरता पुरस्कार मिलने जा रहा है. पहले परदादा, फिर दादा, उसके बाद पिता और अब खुद मोहित यानि कि चार पीढ़ियों से परिवार देश की सेवा में जुटा हुआ है.

Lal Mohit Sangwan Charkhi Dadri

80 जवानों में हरियाणा का लाल भी शामिल

हाल ही में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सेना के 80 जवानों को वीरता पुरस्कार देने की मंजूरी दी है, जिनमें चरखी दादरी जिले के गांव डोहकी निवासी मेजर मोहित सांगवान भी शामिल हैं. बेटे को सेना का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार मिलने की खुशी परिजनों के चेहरों पर साफ नजर आ रही है और लड्डू बांटकर खुशियां मनाई जा रही है.

2014 में लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे मोहित

अपने दिवंगत परदादा, दादा नेतराम सांगवान, पिता विजेंदर सिंह से प्रेरणा लेते हुए मोहित सांगवान साल 2014 में सेना में कमीशन लेते हुए लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त हुए थे और अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने की उनकी आकांक्षा को प्रेरित किया. सेना में कई सफल आप्रेशनों में वीरता दिखाने वाले मोहित सांगवान के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है.

पिता विजेन्द्र सिंह ने बताया कि मोहित ने प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हासिल की थी और उसके बाद आगे की पढ़ाई आर्मी स्कूल से पूरी की. लेफ्टिनेंट बनने के बाद मोहित ने सेना में उत्तर- पूर्व क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण इलाकों में कई सफल ऑपरेशनों में नेतृत्व व कौशल के साथ- साथ अद्भुत साहस का परिचय देते हुए हर मोर्चे पर फतेह हासिल की और यही वजह है कि अब उन्हें इंडियन आर्मी के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

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