BJP के मंत्री ने कहा ‘गेट आउट’ तो IPS ने दिया था जवाब, 6 नौकरी छोड़ अफसर बनने वाली संगीता कालिया की कहानी

फतेहाबाद । आज हम आपको जिस महिला आईपीएस अफसर संगीता कालिया के संबंध में बताने जा रहे हैं वह बीजेपी के एक मंत्री से उलझने के पश्चात काफी सुर्खियों में रही थी. आईपीएस संगीता कालिया हरियाणा के भिवानी जिले की रहने वाली है. इनका जन्म हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. आईपीएस संगीता कालिया के पिताजी का नाम धर्मपाल है, जो हरियाणा के ही फतेहाबाद पुलिस विभाग में कारपेंटर थे. आईपीएस संगीता कालिया ने अपनी आरंभिक पढ़ाई लिखाई भिवानी से ही की. कहा जाता है कि संगीता कालिया अपने बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में बहुत तेज थी.

sangeeta kaliya

संगीता कालिया के पिताजी अपनी होशियार बेटी को पढ़ा लिखा कर एक बड़ा अफसर बनाना चाहते थे और अपने पिताजी के सपनों को पूरा करने हेतु संगीता कालिया भी मन लगाकर मेहनत करती थी. संगीता ने अपनी बेसिक स्टडी कंप्लीट करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारियां शुरू की. हालांकि 2005 में उन्होंने सिविल सर्विसेज की पहली परीक्षा दी लेकिन वह चयनित नहीं हो पाई. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बाद उन्होंने दोबारा से वर्ष 2009 में यूपीएससी की परीक्षा दी. इस बार वह अपने पिताजी के सपनों को पूरा करने में सफल हो गई और उन्हें आईपीएस कैडर हरियाणा में मिला. संयोग ऐसा बना कि ट्रेनिंग के पश्चात जिस जिले का एसपी उन्हें बनाया गया, वही उनके पिता किसी जमाने में कारपेंटर हुआ करते थे.

एक बार संगीता कालिया ने कहा था कि उन्हें सिविल सर्विस की प्रेरणा टीवी चैनल पर आने वाले 1 सीरियल उड़ान को देखने के बाद मिली. आरंभ में होशियार संगीता कालिया की नौकरी रेलवे में लग गई थी, परंतु संगीता कालिया ने सिविल सर्विस का सपना बना लिया था. इसलिए उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए रेलवे की नौकरी को छोड़ दिया. इस प्रकार उन्होंने कुल 6 नौकरियों को छोड़ दिया.

फतेहाबाद जिले में महिला थाने की बिल्डिंग को बनवाने का पूरा श्रय संगीता कालिया को ही जाता है. इसके अतिरिक्त फतेहबाद पुलिस ने कई ब्लाइंड मर्डर केसों को आईपीएस संगीता कालिया के नेतृत्व में सुलझाया है. साल 2015 में संगीता कालिया की बहस हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ हो गई थी. उस समय संगीता कालिया फतेहबाद में बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात थी और उसी समय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज वहां के कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे.

27 नवंबर 2015 को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक शिकायत की सुनवाई के दौरान संगीता कालिया को गेट आउट कह दिया था. परंतु संगीता कार्य बाहर नहीं गई तो स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को स्वयं अपनी बैठक छोड़नी पड़ी. इसके पश्चात संगीता कालिया का ट्रांसफर करवा दिया गया. इसके पश्चात वर्ष 2018 में भी एक मीटिंग में संगीता कालिया अनिल विज के साथ नहीं आई थी. इस संबंध में भी काफी विवाद हुआ था.

 

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