HBSE: 10वीं-12वीं कक्षा के छात्र फसें OMR और उत्तरपुस्तिका के चक्कर में, नहीं आ रहा समझ

भिवानी । हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE)  10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को OMR पैटर्न के अनुसार करवाने की तैयारी में है. हरियाणा बोर्ड ने कुछ महीनों पहले बोर्ड परीक्षाओं के लिए ब्लूप्रिंट दिया था जो अब बोर्ड द्वारा बदल दिया गया है. अब OMR शीट परीक्षा करवाने के बोर्ड के इस फैसले का विरोध होना भी आरंभ हो गया है. इसके अतिरिक्त हरियाणा बोर्ड के विभिन्न प्रशासक इस फैसले से एक मत नहीं है. हरियाणा बोर्ड (HBSE)  के इस निर्णय से 10वीं-12वीं के सात लाख विद्यार्थी प्रभावित होंगे. नए पैटर्न के लिए अभी विद्यार्थी भी तैयार नहीं हो पाए हैं. जैसे ही विद्यार्थियों को नए पैटर्न के बारे में जानकारी मिली तो सभी विद्यार्थी परेशान हो गए. अब हरियाणा बोर्ड के इस फैसले का विरोध हरियाणा स्कूल लेक्चरर ने भी किया है.

HBSE

रोजाना प्रकाशित हो रही है अनेक तरह की खबरे

बता दे रोजाना न्यूज़ पेपर ओएमआर शीट को लेकर अनेक तरह की खबर प्रकाशित की जा रही है. कई न्यूज़ पेपर लिख रहे है कि छात्रों को अब की बार ओएमआर के साथ साधरण उतरपुस्तिका भी दी जाएगी. इसके विपरीत कुछ न्यूज़ पेपर लिख रहे है कि ओएमआर शीट के फैसले को फ़िलहाल बोर्ड ने निरस्त कर दिया है. ऐसे में छात्र पूरी तरह भर्मित है. बता दे इस मामले कि ऊपर हरियाणा बोर्ड (HBSE)  की कोई भी स्टेटमेंट या पत्र नहीं आया है. ऐसे छात्रों की मांग है की बोर्ड को जल्द ही इस मामले को साफ कर देना चहिए ताकि वे अपने आप को परीक्षा के लिए तैयार कर सके.

OMR शीट परीक्षा में होगा करोड़ों का खर्च, विद्यार्थियों को भी होगी समस्या

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड बहुविकल्पीय प्रश्नों (50 प्रतिशत) परीक्षा OMR शीट पर करवाने की योजना बना रहा है. 10वीं-12वीं के विद्यार्थियों तक भी इसकी भनक पहुंच गई है, परंतु विद्यार्थी अभी इस नए पैटर्न के लिए तैयार नहीं है. बहुविकल्पीय प्रश्नों में विद्यार्थियों को 4 या 4 से ज्यादा विकल्प दिए जाते हैं. इन विकल्पों में से विद्यार्थियों को सही जवाब को चुनना होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक OMR सीट पर परीक्षा लेने के लिए बोर्ड प्रशासन भी अभी तक एकमत नहीं हुए हैं. हरियाणा बोर्ड का एक पक्ष OMR शीट पर परीक्षा करवाने को कह रहा है तो दूसरा पक्ष इसके विरोध में यह तर्क दे रहा है कि इससे करोड़ों रुपयों का खर्च होगा और विद्यार्थियों के लिए भी समस्या पैदा होने से मना नहीं किया जा सकता.

A और B पैटर्न से परीक्षाएं करवाने की हो रही सिफारिशें

50% बहुविकल्पीय प्रश्न होने के पश्चात परीक्षा का समय बहुत ही कम हो जाएगा. इसलिए हरियाणा बोर्ड यह चाहता है कि विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए पूरे 3 घंटे या कम से कम ढाई घंटे का वक्त तो मिलना चाहिए. इस समस्या के समाधान के लिए विचार किया जा रहा है कि 1986 की तर्ज पर परीक्षा को A और B, दो भागों में बांट दिया जाए, जिसके अंतर्गत बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए पेपर A और सब्जेक्टिव प्रश्नों के यह पेपर B करवाया जाएगा. अब देखने वाली बात यह है कि बोर्ड के OMR शीट व्यवस्था और 1986 के A-B पैटर्न के लिए बोर्ड कहां तक कामयाब होता है.

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