आदमपुर उपचुनाव में जातिगत समीकरण लिखेगा जीत की पटकथा, सबसे ज्यादा जाट वोटर्स

हिसार | हरियाणा के आदमपुर में उपचुनाव की बिसात बिछ चुकी है और 14 अक्टूबर को आखिरी दिन तक सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया. वहीं, अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्टियों द्वारा स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी गई है ताकि धमाकेदार चुनाव प्रचार के जरिए अपने प्रत्याशी के पक्ष में जीत का माहौल तैयार किया जा सके. यहां 3 नवंबर को मतदान होगा और 6 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा.

Election Vote

सभी पार्टियों के स्टार प्रचारक आदमपुर हल्के के गांव-गांव जाकर अपने प्रत्याशी के समर्थन में लोगों से वोट देने की अपील करेंगे. साथ ही, पार्टियों के बड़े नेता रैलियों के माध्यम से वोटरों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे. आदमपुर हल्के में जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे बड़ा वोट बैंक जाट समाज का है. वहीं, प्रत्याशियों की बात की जाए तो बीजेपी को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों के कैंडिडेट जाट समाज से आते हैं. ऐसे में जाटों के वोट बंटना तय माना जा रहा है और आदमपुर उपचुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा ये फैसला गैर जाट वोटर्स ही तय करेंगे.

सबकी निगाहें जाट वोटों पर

बता दें कि आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या का आंकड़ा 1 लाख 71 हजार 473 है. इनमें सबसे अधिक वोट जाट समाज (52 हजार) से है तो वहीं बिश्नोई वोटर्स की संख्या 31 हजार है. इनके अलावा SC के करीब 30 हजार, BC-A के 29 हजार और BC-B के 4,800 वोट है जबकि 4 हजार वोट पंजाबी, 5 हजार वोट अग्रवाल, 5,700 वोट ब्राह्मण समाज के आते हैं. वहीं, सिख वोटों की संख्या 1 हजार, राजपूत वोटों की संख्या 1,900 वोट और 780 वोट मुस्लिम समुदाय से हैं.

SC में सबसे ज्यादा करीब 21 हजार वोट हरिजन तथा BC में सबसे ज्यादा वोट करीब 8200 वोट खाती समुदाय से है. वहीं, कुम्हार जाति के भी करीब 6,500 वोट है. बात यहां सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों की करें तो भारतीय जनता पार्टी के भव्य बिश्नोई को छोड़कर कांग्रेस से जयप्रकाश उर्फ जेपी, आम आदमी पार्टी से सतेन्द्र सिंह और इंडियन नेशनल लोकदल से कुरड़ाराम नंबरदार सभी जाट समाज से आते हैं.

ऐसे में वोटों का ध्रुवीकरण होता है तो जाटों के वोट बंटने की पूरी संभावना है. यदि जाटों से अलग अन्य बिरादरी के वोटर्स भव्य बिश्नोई को वोट देते हैं तो सबकी निगाहें गैर जाट वोटर्स पर रहेगी. ऐसे में सभी पार्टियों द्वारा जाटों के अलावा गैर जाट वोटर्स को रिझाने की पूरी कोशिश रहेगी क्योंकि यही वोट आदमपुर उपचुनाव में हार- जीत की पटकथा लिखेंगे.कुल मिलाकर आदमपुर उपचुनाव की जंग बेहद रोमांचक हो गई है और 6 नवंबर को पता चलेगा कि आदमपुर की जनता किस प्रत्याशी को हरियाणा विधानसभा का रास्ता दिखाती है.

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