इस बार आसमान छू सकते हैं हरियाणा में कपास के दाम, व्यापारियों ने बताई यह वजह

हिसार | हरियाणा में मानसून को दस्तक दिए एक महीना बीत चुका है और इस दौरान ज्यादातर जिलों में झमाझम बारिश देखने को मिली हैं. बता दें कि हरियाणा में इस मानसून सीजन में 8% से अधिक वर्षा दर्ज की गई है. ज्यादा बारिश होने के चलते कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में जिन क्षेत्रों में कपास की फसल बोई गई है वहां जलभराव होने से फसल खराब होने की नौबत आ गई है. जिसके चलते व्यापारियों ने अभी से अंदाजा लगाना शुरू कर दिया है कि कपास की फसल के दाम इस बार आसमान छू सकते हैं.

cotton kapas

खड़ी फसल पर चल रहे हैं ट्रैक्टर

अत्यधिक बारिश के चलते ज्यादातर जगहों पर कपास पानी में डूब चुकी है और किसान मजबूरी में कपास की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हो गए हैं. किसानों का कहना है कि इतने अधिक पानी में कपास की फसल का बर्बाद होना निश्चित है, इसलिए कपास की फसल उखाड़ कर धान लगाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि कपास में हुए नुकसान की भरपाई की जा सकें.

फसलों में उछाल देखने को मिलेगा

प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर सामान्य से अधिक बारिश हुई है उन जगहों पर किसानों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में एक बात तो तय है कि अगर कपास की जगह अब धान की फसल उगाई जाएगी तो धान की बंपर पैदावार होगी और भाव कम होंगे. वहीं दूसरी ओर कपास की कम पैदावार होने के चलते इसकी कीमत में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की जा सकती हैं. इस बात के कयास व्यापारियों ने अभी से लगाने शुरू कर दिए हैं.

अगले 4 दिन फिर भारी बारिश की संभावना

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एमएल खीचड़ के अनुसार मानसून ट्रफ अब फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, अगरतला होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है. इसकी अक्षय रेखा का पश्चिमी सिरा सामान्य स्थिति में उत्तर की तरफ होने से राज्य में 31 जुलाई को ज्यादातर स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. इसके बाद 1 अगस्त से 3 अगस्त के दौरान उत्तरी हरियाणा के जिलों यानि अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कुरुक्षेत्र में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है.

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