Hisar Khedar Power Plant: खेदड़ में किसानो पर लाठीचार्ज, यहाँ पढ़े क्या है खेदड़ पावर प्लांट विवाद

हिसार, Hisar Khedar Power Plant | हरियाणा के हिसार जिले में शुक्रवार को हुई खेदड़ घटना के विरोध में आज किसान चौक पर एकत्रित हुए. किसानों ने शहर में प्रदर्शन कर चौक पर सरकार का पुतला फूंका. किसान नेता शमशेर ने बताया कि कल किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह सरकार किसान विरोधी है. संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होगी, जिसमें अगला फैसला लिया जाएगा. इस मौके पर किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को भड़काया. किसान शांतिपूर्ण तरीके से रेलवे ट्रैक पर धरना देने जा रहे थे. किसानों के विरोध को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क रहा. वहीं, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा सहित तमाम नेताओं ने इसकी आलोचना की है.

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प्रतीकात्मक फोटो

क्यों हुई हिंसा

राख को लेकर ग्रामीणों ने खेदड़ बिजली संयंत्र की ओर जाने वाली रेल पटरी पर रोक लगाने का फैसला किया. इसके बाद किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर ट्रैक की ओर चल दिए. पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए. इसी दौरान एक ट्रैक्टर ने किसानोंको रौंद दिया और उन्हें पीछे छोड़ दिया.

पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. किसानों का दावा है कि पुलिस के लाठीचार्ज से किसानों को चोटें आई हैं. इस वजह से एक किसान धर्मपाल की भी मौत हो गई, जबकि पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर के नीचे आने से धर्मपाल की मौत हुई है. तीन पुलिस कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए.

खेदड़ पावर प्लांट विवाद क्या है

खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें पहले की तरह प्लांट की राख मुफ्त दी जाए, वहीं प्लांट के अधिकारी ऐसा करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर रहे हैं. क्योंकि बिजली मंत्रालय ने टेंडर के जरिए राख बेचने का प्रस्ताव पास किया है. इस राख का उपयोग ईंट बनाने में किया जाता है.

प्लांट में करीब 67 करोड़ रुपये की राख है. वहीं, ग्रामीणों का तर्क है कि पहले जब कोई राख नहीं लेता था तो गांव वाले उसका इस्तेमाल करते थे. इससे खेदड़ गौशाला की आमदनी रुक जाएगी और करीब 1000 गायों को पालने वाली गौशाला बंद हो जाएगी. इसलिए ग्रामीण पहले की तरह राख को मुफ्त देने की मांग कर रहे हैं.

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