हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर मचेगा घमासान, चौटाला परिवार की 2 पीढ़ियां होगी आमने- सामने

हिसार | देशभर में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल वोटर्स को रिझाने के लिए चर्चित चेहरों पर दांव लगा रहे हैं. वहीं, हरियाणा की बात करें तो चौटाला परिवार के बिना सूबे की राजनीति अधूरी है. हरियाणा की राजनीति का पहिया चौटाला परिवार के इर्द- गिर्द ही घूमता है.

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एक समय पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की हरियाणा ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान में भी अलग पहचान थी. पूरा देश उन्हें ताऊ के नाम से जानता था लेकिन समय और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते ताऊ का कुनबा बिखरता गया और आज चौटाला परिवार बिल्कुल अलग-थलग हो चुका है. इन चुनावों में पहली बार चौटाला परिवार की दो पीढ़ियां लोकसभा सीट पर आमने-सामने होगी.

हिसार लोकसभा सीट पर घमासान

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से चौधरी देवीलाल के दूसरे नंबर के बेटे रणजीत चौटाला को प्रत्याशी घोषित किया है, जबकि रणजीत चौटाला के बड़े भाई एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी INLD ने भाई प्रताप चौटाला की पुत्रवधू सुनैना चौटाला के नाम का ऐलान कर दिया है.

वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) भी हिसार लोकसभा क्षेत्र से नैना चौटाला को चुनावी रण में उतारने की तैयारी कर रही है. अगर नैना चौटाला को प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो फिर हिसार सीट पर चौटाला परिवार की दो पीढ़ियां, जिसमें चाचा- ससुर रणजीत चौटाला के सामने परिवार की बहू नैना और सुनैना चौटाला आमने- सामने चुनावी मैदान में होगी.

हिसार में चौटाला परिवार का दबदबा

सिरसा जिले से सटे हिसार लोकसभा क्षेत्र में शुरू से ही चौटाला परिवार का दबदबा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनावों में जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद INLD पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतरे दुष्यंत चौटाला ने जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 में इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी की ओर से दुष्यंत चौटाला फिर चुनाव लड़ने उतरे थे, लेकिन इस बार उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था.

हिसार लोकसभा क्षेत्र में चौटाला परिवार की मजबूत पकड़ के चलते ही बीजेपी ने रणजीत चौटाला को प्रत्याशी घोषित किया है. बीजेपी चौटाला के जरिए हिसार और सिरसा लोकसभा क्षेत्र में उनके वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं. वहीं, इनेलो भी इसी रणनीति के तहत अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए सुनैना चौटाला को चुनावी रण में उतार रही है. बीजेपी से गठबंधन से अलग होने के बाद JJP भी नैना चौटाला को चुनावी रण में उतारकर अपनी सियासी वापसी करने की फिराक में है.

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