झज्जर का प्रभात मधुमक्खी पालन से कमा रहा करोड़ों, किसानों के लिए बने प्रेरणा का स्रोत

झज्जर | हरियाणा के जिला झज्जर के मलिकपुर गांव निवासी प्रभात फोगाट अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश की है. आसपास के जिलों के भी किसान मधुमक्खी पालन के तौर तरीकों को जानने के लिए उनके पास आते हैं. प्रभात अब बाकी किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. मौजूदा समय में उनका बिजनेस अन्य राज्यों में भी काफी चल रहा है. आईए जानते हैं प्रभात के बारे में…

Honey Farming

10 प्रकार के शहद कर रहे तैयार

मौजूदा समय में प्रभात मधुमक्खी पालन से 10 प्रकार के स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक शहद तैयार कर रहे हैं. वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, रिटेल, खादी स्टोर और प्रदर्शनियों के जरिए शहद बेचकर सालाना करोड़ों रुपये भी कमा रहे हैं. प्रभात ने बताया कि वह सरसों, तिल, जामुन और लीची समेत 10 तरह के फ्लेवर का शहद तैयार करते हैं. इसके लिए वे उसी प्रकार के फूलों और फलों के पौधों के पास मधुमक्खी पालन बक्से रखते हैं जिनके स्वाद का शहद तैयार करना होता है.

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सालाना करोड़ों की हो रही कमाई

प्रभात ने ग्रुप के साथ मिलकर राजस्थान, यूपी, हिमाचल और जम्मू समेत हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में बॉक्स लगाए हैं. बक्से से एकत्र शहद को झज्जर के प्रसंस्करण संयंत्र में पैक किया जाता है और फिर इसे अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइटों और अपनी वेबसाइट के माध्यम से बेचा जाता है. वह कई लोगों को रोजगार भी देते हैं. प्रभात हरियाणा के लिए एक प्रगतिशील किसान हैं.

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जनवरी में मिला राष्ट्रीय युवा पुरस्कार

प्रभात फोगाट के पिता जगपाल फोगाट एक शिक्षक हैं और छोटे स्तर पर मधुमक्खी पालन का काम करते थे. अपने पिता को देखते हुए प्रभात ने कृषि विज्ञान में एमएससी की और मधुमक्खी पालन को अपना विषय चुना. फिलहाल प्रभात मधुमक्खी पालन पर पीएचडी भी कर रहे हैं. प्रभात की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें जनवरी 2024 में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया है.

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