7 अक्टूबर से शुरू हो रहे है शारदीय नवरात्रे, जानिए पूजा करने का विधि विधान और मुहूर्त

कुरुक्षेत्र । इस बार शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होने वाले हैं. बता दे कि 9 दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में मां के नौ अलग-अलग रूपों की विधि विधान पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्रि के 9 दिनो में हर एक दिन मां के नौ रूपों में से एक को समर्पित होता है. वही श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली के अध्यक्ष और कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेश मिश्रा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष गुरुवार 7 अक्टूबर से नवरात्रि पर्व प्रारंभ हो रहे हैं.

Navratri

7 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रे

14 अक्टूबर गुरुवार को नोवी पर्व होगा. वही 15 अक्टूबर शुक्रवार को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा मनाया जाएगा. बता दें कि नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. भगत इन दिनों मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं. पंडित सुरेश मिश्रा ने बताया कि घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 से 10:11 तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त 11:46 से दोपहर 12:32 तक रहेगा. नवरात्रि के पावन दिन अखंड ज्योत जलाने का बहुत अधिक महत्व होता है. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अखंड ज्योति जलाने के बाद घर को खाली नहीं छोड़ते.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रों के दौरान मां धरती पर आ जाती है. नवरात्रि के 9 दिनों में प्रतिदिन मां को भोग लगाया जाता है. नवरात्रि में केवल सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं. नवरात्रि में मां दुर्गा का ध्यान करें, श्री दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हर दिन पुष्प अर्पित करें. मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अति प्रिय होते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा को सुहाग का सम्मान भी अर्पित करें. नवरात्रि मे कंजको की पूजा की जाती है.

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